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खालिस्तान समर्थकों के प्रदर्शन पर भारत की जैसे को तैसा की नीति, दिल्ली में हटाए गए ब्रिटिश हाई कमीशन के बाहर बैरिकेड्स

बीते रविवार को लंदन स्थित भारतीय दूतावास के बाहर बड़ी संख्या में खालिस्तानी समर्थक इकट्ठे हो गए थे। उनके हाथों में खालिस्तान का झंडा था और शख्स ने दूतावास पर लगे भारतीय झंडे को हटाने की कोशिश की थी।

खालिस्तान समर्थकों के प्रदर्शन पर भारत की जैसे को तैसा की नीति, दिल्ली में हटाए गए ब्रिटिश हाई कमीशन के बाहर बैरिकेड्स
Madan Tiwariरेजाउल एच लस्कर, हिन्दुस्तान टाइम्स,नई दिल्लीWed, 22 Mar 2023 02:57 PM
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लंदन में भारतीय उच्‍चायोग पर खालिस्तानी समर्थकों के हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। जैसे को तैसा वाली नीति अपनाते हुए बुधवार को नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश दूतावास (हाई कमीशन) के बाहर सिक्योरिटी कम कर दी गई है। चाणक्यपुरी राजनयिक एन्क्लेव में शांतिपथ पर यूके मिशन और राजाजी मार्ग स्थित ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस के आवास के बाहर लगाए गए बैरिकेड्स बुधवार दोपहर तक हटा दिए गए। इस मामले से परिचित लोगों ने कहा कि हालांकि, मिशन में तैनात सुरक्षाकर्मियों की संख्या में कमी की कोई रिपोर्ट्स नहीं है।

बीते रविवार को लंदन स्थित भारतीय दूतावास के बाहर बड़ी संख्या में खालिस्तानी समर्थक इकट्ठे हो गए थे। उनके हाथों में खालिस्तान का झंडा था और एक शख्स ने दूतावास पर लगे भारतीय झंडे को हटाने की कोशिश की थी। बालकनी पर चढ़े जिस शख्स ने तिरंगे को उतारने का प्रयास किया था, उसके हाथ में भी खालिस्तान का झंडा था। इस बीच, भारतीय दूतावास के अधिकारी ने वहां पहुंचकर खालिस्तानी समर्थक को वहां से हटा दिया था। इस हिंसक विरोध का जवाब देने के लिए सरकार के उच्च स्तर पर मंथन किया गया, जिसके बाद नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश दूतावास समेत अन्य के बाहर लगे सिक्योरिटी बैरियर्स को हटा दिया गया। 

घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने कहा: "हम सुरक्षा मामलों पर टिप्पणी नहीं करते हैं।" इस मामले पर विदेश मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लंदन में हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर स्थानीय लोगों ने दावा किया था कि पुलिस काफी देर बाद पहुंची थी, जिससे भारतीय पक्ष में काफी नाराजगी थी। भारत ने पहले ही खालिस्तानी समर्थकों द्वारा संभावित विरोध प्रदर्शन की खुफिया जानकारी भी दी थी, लेकिन समय रहते हुए ब्रिटिश अधिकारियों ने कदम नहीं उठाया। 

भारतीय दूतावास के खिलाफ अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों द्वारा की गई कार्रवाई पर कड़ा विरोध दर्ज कराने के लिए ब्रिटिश उप उच्चायुक्त क्रिस्टीना स्कॉट को रविवार देर रात विदेश मंत्रालय में तलब किया गया था और कड़े शब्दों में विरोध जताया गया था। भारत ने मांग की थी कि स्पष्टीकरण दिया जाए कि कैसे दूतावास के बाहर ब्रिटिश सिक्योरिटी गायब थी, जिसके चलते खालिस्तान समर्थक परिसर में पहुंच सके। साथ ही, ब्रिटेन से प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ तुरंत कदम उठाने और मुकदमा चलाने की भी मांग की थी। 

भारत ने ब्रिटेन से इस तरह की घटनाओं के दोबारा होने से रोकने के लिए कड़े उपाय करने को कहा और वियना कन्वेंशन के तहत दायित्वों की याद दिलाई। ब्रिटेन के उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने भारतीय दूतावास में हुए इस हिंसक प्रदर्शन की निंदा की थी। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "मैं भारतीय दूतावास के लोगों और परिसरों के खिलाफ आज के शर्मनाक कृत्यों की निंदा करता हूं। यह पूरी तरह अस्वीकार्य है।" इसके अलावा, खालिस्तानी समर्थकों द्वारा अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़ की गई थी, जिसको लेकर भारत ने सोमवार को अमेरिका के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया था।

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