ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशआवाज से तीन गुना तेज है ब्रह्मोस मिसाइल, दागो और भूल जाओ के सिद्धांत पर करती है काम

आवाज से तीन गुना तेज है ब्रह्मोस मिसाइल, दागो और भूल जाओ के सिद्धांत पर करती है काम

वास्तविक सीमा रेखा (एलएसी) पर चीन से तनातनी के बीच भारत ने ओडिशा के बालासोर स्थित प्रक्षेपण स्थल से स्वदेशी तकनीक से लैस ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के नए संस्करण का बुधवार को सफल परीक्षण किया।...

आवाज से तीन गुना तेज है ब्रह्मोस मिसाइल, दागो और भूल जाओ के सिद्धांत पर करती है काम
एजेंसी, नई दिल्लीThu, 01 Oct 2020 10:31 AM
ऐप पर पढ़ें

वास्तविक सीमा रेखा (एलएसी) पर चीन से तनातनी के बीच भारत ने ओडिशा के बालासोर स्थित प्रक्षेपण स्थल से स्वदेशी तकनीक से लैस ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के नए संस्करण का बुधवार को सफल परीक्षण किया। आवाज से करीब तीन गुना तेज गति वाली इस मिसाइल के नए संस्करण में स्वदेशी बूस्टर और एयरफ्रेम लगाया गया है। इससे इसकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर से बढ़ाकर 400 किलोमीटर हो गई है।  

रक्षा सूत्रों ने बताया कि नए संस्करण के परीक्षण से देश 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ गया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के सूत्रों ने बताया कि बालासोर में चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) से अत्याधुनिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया गया जो सफल रहा। परीक्षण के दौरान मिसाइल सभी मानक पर खरी उतरी। प्रयोगिक परीक्षण पूर्वाह्न 10 बजकर 45 मिनट पर किया गया। उन्होंने कहा कि मिसाइल को समुद्र, जमीन और लड़ाकू विमानों से भी दागा जा सकता है। मिसाइल के पहले विस्तारित संस्करण का सफल परीक्षण 11 मार्च 2017 को किया गया था। 30 सितंबर 2019 को चांदीपुर स्थित आईटीआर से कम दूरी की मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल के जमीनी संस्करण का सफल परीक्षण किया गया था।

जल-थल और नभ से दागी जा सकती: 
डीआरडीओ और रूस के प्रमुख एरोस्पेस उपक्रम एनपीओएम द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्राह्मोस मिसाइल  मध्यम रेंज की 'रेमजेट सुपरसोनिक क्रूज' मिसाइल है, जिसे पनडुब्बियों, युद्धपोतों, लड़ाकू विमानों तथा जमीन से दागा जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि यह मिसाइल पहले से ही भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना के पास है।  

दुनिया में सबसे तेज:  
सतह से सतह पर मार करने वाली इस मिसाइल की गति आवाज से 2.8 गुना अधिक है। इसे दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जाता है। यह 300 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जाने में सक्षम है। फिलहाल एलएसी पर लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक ब्रह्मोस को तैनात किया गया है। 

दागो और भूल जाओ: 
यह मिसाइल दागो और भूल जाओ के सिद्धांत पर काम करती है। गतिज ऊर्जा बहुत अधिक होने के कारण यह मिसाइल जहां टकराती है वहां बड़ी तबाही मचाती है, यह लक्ष्य को पूरी तरह बर्बाद कर देती है। इसकी गतिज ऊर्जा दुनिया की दूसरी सबसे तेज क्रूज मिसाइल के मुकाबले नौ गुना अधिक है।

सुखोई-30 पर तैनात: 
ब्रह्मोस मिसाइल को रूस से खरीदे गए सुखोई-30 एमकेआई जंगी विमान पर भी तैनात किया गया है। 40 सुखोई विमानों से इस मिसाइल को दागा जा सकता है। इससे सुखोई की मारक क्षमता बढ़ गई है। 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें