शर्मनाक: युवक के कटे पैरों का तकिया बनाया, डॉक्टरों की करतूत का वीडियो वायरल
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ फरीदाबाद का एक वीडियो शर्मसार करने वाला है। इसमें शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल बादशाह खान में एक मरीज के दोनों कटे हुए पैरों को उसका तकिया बना दिया गया है। डॉक्टर अब अपने...
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ फरीदाबाद का एक वीडियो शर्मसार करने वाला है। इसमें शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल बादशाह खान में एक मरीज के दोनों कटे हुए पैरों को उसका तकिया बना दिया गया है। डॉक्टर अब अपने बचाव में तर्क देने पर लगे हैं।प्रभारी पीएमओ डॅाक्टर विनय गुप्ता ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
ये है मामला : वायरल वीडियो में चल रहा है कि गुरुवार देर रात ओल्ड फरीदाबाद स्थित भूड़ कॉलोनी के 42 वर्षीय प्रदीप के ट्रेन हादसे में दोनों पैर कट गए थे। यह हादसा गुरुवार देर शाम उस वक्त हुआ जब वह ड्यूटी के लिए बड़खल फ्लाई ओवर के नीचे से जा रहे थे। इस दौरान पैर रेलवे ट्रैक में फंस गया। इसी बीच सुपर फास्ट ट्रेन गुजरी, इसकी चपेट में आने से उसके दोनों पैर कट गए। इसके बाद उन्हें बीके के आपातकाल में लाया गया।
जहां डॉक्टर और पैरा मेडिकल कर्मचारियों ने प्राथमिक उपचार शुरू कर दिया। आरोप है कि आनन-फानन में दोनों पैर को स्ट्रेचर पर उनके सिर के नीचे तकिये के रूप में रख दिया गया। इसके बाद प्राथमिक उपचार के लिए मरीज को दिल्ली के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। इस मामले में विशेषज्ञ डॉक्टर का कहना है कि कई बार कटे पैर को भी जोड़ा जा सकता है। कुछ सावधानियां बरतनी पड़ती हैं, इसलिए दोनों पैर को साथ में रखकर रेफर किया गया।
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प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनय गुप्ता का कहना है कि प्राथमिक उपचार कर उसे आधे घंटे के अंदर दिल्ली ट्रामा सेंटर में रेफर कर दिया गया। उपचार के दौरान डॉक्टरों की पहली प्राथमिकता मरीज की जान बचाना होता है। इसकी जानकारी मुझे नहीं है कि कटे हुए पैर को सिर के नीचे किसने रखा। मामले की जांच कराई जाएगी।
झांसी में भी हुई थी घटना
यूपी के झांसी में भी मार्च 2018 को स्कूल बस हादसे का शिकार हो गई थी। इसमें क्लीनर के रूप में काम करने वाले 25 वर्षीय घनश्याम का एक पैर हादसे में कुचल गया था। उस वक्त बस बच्चों से भरी हुई थी। इनमें से 6 बच्चे घायल हो गए थे। घायल घनश्याम को बच्चों सहित मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। जख्मी क्लीनर को जैसे ही वार्ड में लाया गया, उसका इलाज चालू हो गया। डॉक्टरों को उसका एक पैर काटना पड़ा था। इस दौरान ये ज़रूरी था कि मरीज का सर ऊपर रखा रहे। वहां और कोई चीज़ मौजूद नहीं थी इसलिए डॉक्टरों ने उसके कट चुके पैर को ही उसके सर के नीचे रख दिया। जब इस घटना के बारे में आस-पास बात होने लगी तो चीफ़ मेडिकल सुप्रिन्टेंडेंट हरीश चन्द्र ने चार डॉक्टरों को निलंबित कर दिया था।