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आधी रात को अकेली महिला से नींबू मांगने पहुंचा CISF जवान, हरकत पर हाईकोर्ट बुरी तरह भड़का

High Court News: इस मामले की जांच के दौरान कई तथ्य सामने आए, जिनके चलते उत्पीड़न के बराबर थे। साथ ही अनुशासन तोड़ने और गलत व्यवहार के भी संकेत मिल रहे थे, जो बल की छवि को खराब कर रहे थे।

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईThu, 14 March 2024 06:41 AM
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आधी रात को अकेली महिला से नींबू मांगने पहुंचा CISF जवान, हरकत पर हाईकोर्ट बुरी तरह भड़का

आधी रात अकेली महिला के दरवाजे पर नींबू के खटखटाना एक CISF जवान के लिए भारी पड़ गया। बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस हरकत के लिए जवान को कड़ी फटकार लगाई है। साथ ही कहा है कि अकेली महिला के घर पर ऐसे घटिया कारण के चलते जाना बहुत बेतुका है। दरअसल, जवान ने उसके अधिकारियों की तरफ से लगाए गए जुर्माने को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

क्या था मामला
CISF के कॉन्स्टेबल अरविंद कुमार पर आरोप थे कि वह 19 अप्रैल, 2021 की रात में अपने पड़ोसी के घर पहुंचा था। उस समय महिला घर पर अकेली थी और उसे देखकर डर गई थी। खबरें हैं कि तब महिला ने उसे चेतावनी दी, जिसके बाद वह वापस चला गया। महिला ने कार्रवाई की और बड़े अधिकारी के सामने शिकायत दर्ज कराई। अधिकारी की ओर से विभाग स्तर पर जांच शुरू हुई।

जांच के दौरान कई तथ्य सामने आए, जिनके चलते उत्पीड़न के बराबर थे। साथ ही अनुशासन तोड़ने और गलत व्यवहार के भी संकेत मिल रहे थे, जो बल की छवि को खराब कर रहे थे। जांच में पता चला कि कॉन्स्टेबल ने कथित घटना के समय शराब भी पी रखी थी। सजा के तौर पर कुमार की सैलरी को 3 साल के लिए घटा दिया गया और इस दौरान इंक्रीमेंट पर भी रोक लगा दी गई।

कहा जा रहा है कि कॉन्स्टेबल को जानकारी थी कि उसका सहकर्मी और महिला का पता चुनाव की ड्यूटी के लिए पश्चिम बंगाल गया हुआ है। इधर, कुमार का दावा है कि उसकी तबियत ठीक नहीं थी और उसने सिर्फ नींबू के लिए पड़ोसी का दरवाजा खटखटाया था।

क्या बोला कोर्ट
इस मामले की सुनवाई जस्टिस नितिन जामदार और जस्टिस एमएम सथाये की बेंच कर रही थी। कोर्ट ने कहा, 'घर के पुरुष की गैरमौजूदगी का पता होने के बाद भी ऐसे पड़ोसी के घर का दरवाजा खटखटाना, जहां एक महिला अपनी 6 साल की बेटी के साथ रही हैं। और वह भी कथित मेडिकल इमरजेंसी में नींबू जैसे छोटे से कारण के लिए जाना एकदम बेतुका है।'

अदालत ने कॉन्स्टेबल के खिलाफ लगाई पेनाल्टी को खारिज करने से इनकार कर दिया।

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