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भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत बोले- विपक्ष मजबूत होता तो हमें आंदोलन की जरूरत नहीं होती

कृषि कानूनों के खिलाफ में पिछले 34 दिनों से किसानों का आंदोनल जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों और सरकार में अभी तक सहमति नहीं बन पाई है, हालांकि कल यानी बुधवार को बातचीत के फिर से आसार नजर आ...

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत बोले- विपक्ष मजबूत होता तो हमें आंदोलन की जरूरत नहीं होती
लाइव हिन्दु्स्तान टीम,नई दिल्लीTue, 29 Dec 2020 02:09 PM
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कृषि कानूनों के खिलाफ में पिछले 34 दिनों से किसानों का आंदोनल जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों और सरकार में अभी तक सहमति नहीं बन पाई है, हालांकि कल यानी बुधवार को बातचीत के फिर से आसार नजर आ रहे हैं। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने विपक्ष को कमजोर करार दिया है और कहा कि अगर विपक्ष मजबूत होता तो किसानों को आंदोलन शुरू करने की जरूरत ही क्या थी। 

दरअसल, राकेश टिकैत उन आरोपों पर बोल रहे थे, जिसमें कहा जा रहा है कि विपक्षी पार्टी किसानों को नए कानूनों पर गुमराह कर रही है। राकेश ने कहा कि अगर विपक्ष मजबूत होता तो किसानों को आंदोलन शुरू करने की क्या जरूरत थी? सरकार ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 40 किसान संगठनों को सभी प्रासंगिक मुद्दों पर अगले दौर की वार्ता के लिए 30 दिसंबर को बुलाया है। इससे पहले सरकार और किसान संगठनों के बीच कई दौर की बातचीत बेनतीजा रही थी। 

इधर, कांग्रेस ने सरकार की ओर से किसान संगठनों को नए दौर की बातचीत के लिए बुलाने की पृष्ठभूमि में मंगलवार को कहा कि सरकार को मौखिक आश्वासन देने की बजाय संसद के जरिए कानून बनाकर किसानों की मांगों को पूरा करना चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने यह आरोप भी लगाया कि तीनों कृषि कानून लाना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को खत्म करने की साजिश है।

शुक्ला ने संवाददाताओं से कहा, 'किसानों के आंदोलन को राजनीतिक दलों का आंदोलन बताना गलत है। यह किसानों को बदनाम करने का प्रयास है। कांग्रेस नेता ने कहा, ''सरकार में बैठे लोग कह रहे हैं कि वो आश्वासन देते हैं कि एमएसपी खत्म नहीं होगी और किसानों की जमीन सुरक्षित रहेगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या इन मौखिक आश्वासनों से किसानों को कोई कानूनी कवच मिलेगा?'

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