पूरा किया था सपना; नेहरू, इंदिरा के बीच कांग्रेस ने अटल जी की भी खूब तारीफ की
लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी के बाद बोलते हुए विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि भाजपा इस देश में वन पार्टी सिस्टम लाना चाहती है। उन्होंने कहा कि मणिपुर और जम्मू कश्मी दोनों जल रहा है।

संसद के विशेष सत्र की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने देश के विकास के लिए कांग्रेस की सरकारों के काम को गिनाते हुए मोदी सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा देश में वन पार्टी डिक्टेटरशिप लाने की कोशिश में है। जम्मू-कश्मीर और मणिपुर को लेकर भी उन्होंने कहा कि दोनों राज्य जल रहे हैं. हमारे जवान शहीद हो रहे हैं। अभी बहुत कुछ करना बाकी रह गया है। चौधरी ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि यह 75 साल का अमृतकाल कहां से लाया गया इसका मुझे पता नहीं है। आज जब पता चला कि आज इस संसद भवन का अंतिम दिवस है तो भावुक होना स्वाभाविक है। कितने ही ज्ञानियों ने देश के लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए योगदान दिए होंगे। हमारे बहुत सारे पूर्वज दुनिया छोड़कर चले गए, उनको भी हम याद करते रहेंगे। अधीर रंजन चौधरी ने इंदिरा गांधी, पंडित नेहरू के साथ में अटल बिहारी वाजपेयी की भी तारीफ की।
पंडित नेहरू और बाबासाहेब को किया याद
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, जब संसद में संविधान की चर्चा हो, लोकतंत्र की चर्चा हो तो हमारे पंडित नेहरू जी और बाबासाहेब आंबेडकर की बात जरूरी होती है। अच्छा लगा कि आज सदन में नेहरू जी के बारे में बात करने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा था, संसदीय लोकतंत्र को कई बातों की जरूरत होती है। इसके लिए स्वानुशासन, निष्ठा और जिम्मेदारी की जरूरत है। यहां के लोगों में लोकतंत्र बसा हुआ है।
कांग्रेस की सरकार ने शुरू किया विकास
हमारे संविधान के जनक कहे जाने वाले डॉ. आंबेडकर ने कहा कि राजनीति लोकतंत्र तब तक नहीं खतम हो सकती जब तक सामाजिक लोकतंत्र मौजूद है। हमें बाासाहेब और पंडित जवाहरलाल नेहरू के मंत्र को ध्यान में रखने की जरूरत है। इसी संसद में कभी भगत सिंह ने बम फेंका था लेकिन किसी को आहत करने के लिए नहीं, ब्रिटिश सरकार को जगाने के लिए। यहां 2001 में आतंकवादियों ने सदन में हमला कर दिया था। आज इस सदन की रक्षा करने वालों के प्रति हम श्रद्धा व्यक्ति करते हैं। जब पंडित जवाहरलाल नेहरू पीएम बने तब हिंदुस्तान के हालात क्या था हमारी आयु थी 32 साल। हमारी पर कैपिटा 245 रुपये थी। एक तरफ अकाल और विभाजन का दंश था। लाखों लोग मारे गए। उसी कठिन हालात में पंडित नेहरू ने इस सरकार को संभाला। उस समय के आर्थिक हालात को आप देखिए।
इंडिया और भारत पर भी बोले
उन्होंने कहा, हम कहां से चले थे और कहां पहुंचे। उस संविधान सभा में जितने लोग थे सबने शपथ लिया था कि हम देश को आगे बढ़ाएंगे। 1946 में हमारे देश में आजादी के पहले नेहरू जी के नेतृत्व में एटॉमिक रिसर्च कमेटी बनाई गई थी। उनके ही नेतृत्व में ही हम आज के विज्ञान की तरफ आगे निकल चुके थे। इस देश के लिए इसरो बनाया गया। विक्रम साराभाई की अगुआई में नेहरू जी के दर्शन से इसरो बना। हमने सबसे पहले आर्यभट्ट सैटलाइट छोड़ा था। आज हम इसरो को इंडियन स्पेस रिसर्ट ऑर्गनाइजेशन कहेंगे या फिर क्या कहेंगे, इंडिया भारत ना जाने क्या क्या बात ये लाएंगे।
अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ
उन्होंने कहा, 1974 में इंदिरा जी ने पोखरण में इंदिरा जी ने परमाणु परीक्षण किया था। उसके बाद से ही विदेशों की ताकतों ने हर प्रयास किया लेकिन अटल जी नहीं रुके। नरसिम्हा राव जी के सपने को अटल जी ने साकार किया। उसके पहले हमारे खिलाफ सारे पाबंदी लगा रहे थे उसको हटाने का काम मनमोहन सिंह जी ने किया था। मनमोहन सिंह जी को कहते थे कि वह मौन रहते थे लेकिन वह बात कम करते थे, काम ज्यादा करते थे। अधीर रंजन ने यूपीए की सरकार में लाए गए कानूनों की चर्चा की।
कश्मीर और मणिपुर जल रहाः अधीर
चौधरी ने कहा, आज भी कश्मीर में हमारे सैनिकों को जान गवानी पड़ती है। इसका मतलब हमारी शंका सही है। जम्मू-कश्मीर और मणिपुर दोनों जल रहे हैं। हमें अभी बहुत कुछ करना बाकी है। आज एक माहौल बन रहा है कि बहुमत होने से हम कुछ भी कर सकते हैं। अब वन पार्टी डिक्टेटरशिप का माहौल बनाया जा रहा है। संसद में विपक्ष की भूमिका को नजरअंदाज किया जा रहा है। अब केंद्रीय एजेंसियों का विपक्षी नेताओं के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है। सदन की गरिमा को गिराया जा रहा है। लोकसभा और राज्यसभा की स्थिति एक जैसी है।
हिंदुत्व पर क्या बोले अधीर रंजन चौधरी
चौधरी ने कहा, हमारे देश में बातें तरह-तरह की होती हैं। लेकिन हमारे देश में समावेशी नहीं है। आप नंबर देख लीजिए। हिंदुत्व की बात करें तो यह चार वेद है, करोड़ों देवता हैं, 18 पुराण हैं। दो एपिक हैं। इससे क्या पता लगता है भारत में बहुलवाद है और जहां बहुलवाद है वहीं मतभेद भी हैं। वसुधैव कुटुंबकम का मतलब यही है कि सबको शामिल किया जाना चाहिए। हमारे धर्म में कहा गया है कि सबको अहंकार को छोड़ना चाहिए। अधीर रंजन चौधरी ने श्लोक बोलकर कहा कि गुस्से का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए। अधीर रंजन ने कहा, ओल्ड ही ऑलवेज गोल्ड, हम नए सदन में जाएंगे लेकिन पुराने को याद रखेंगे। राजेश खन्ना ने कहा था फिल्म में कि जिंदगी लंबी नहीं बड़ी होनी चाहिए, लंबी नहीं।
