ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशकर्नाटक में BS येदियुरप्पा के जाने से इन मंत्रियों पर भी आ सकता है संकट, पार्टी में माने जाते हैं बाहरी

कर्नाटक में BS येदियुरप्पा के जाने से इन मंत्रियों पर भी आ सकता है संकट, पार्टी में माने जाते हैं बाहरी

कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने खुद इशारा कर दिया है कि मुख्यमंत्री पद से उनका जाना लगभग तय है। अगर आने वाले दिनों में बीएस येदियुरप्पा की मुख्यमंत्री पद...

कर्नाटक में BS येदियुरप्पा के जाने से इन मंत्रियों पर भी आ सकता है संकट, पार्टी में माने जाते हैं बाहरी
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 23 Jul 2021 10:46 AM

इस खबर को सुनें

0:00
/
ऐप पर पढ़ें

कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने खुद इशारा कर दिया है कि मुख्यमंत्री पद से उनका जाना लगभग तय है। अगर आने वाले दिनों में बीएस येदियुरप्पा की मुख्यमंत्री पद से छुट्टी होती है तो इसका व्यापक असर पड़ेगा। येदियुरप्पा की सरकार में ऐसे कई मंत्री हैं, जिन्हें पार्टी में बाहरी माना जाता है, क्योंकि ये कांग्रेस और जेडीएस का साथ छोड़कर भाजपा में आए हैं। ऐसे में अगर 25-26 जुलाई के बाद येदियुरप्पा की कुर्सी जाती है तो ऐसे मंत्रियों पर भी गाज गिर सकती है। 

कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से बीएस येदियुरप्पा के जाने के संकेत ने उन लोगों को भी झकझोर दिया है, जो एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार को गिरा कर कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर से नाता तोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। मगर जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन को झटका देने के बदले येदियुरप्पा की सरकार में मंत्री पद के साथ पुरस्कृत किए गए ऐसे नेता अब अनिश्चितता की चपेट में हैं क्योंकि मुख्यमंत्री ने पद छोड़ने की संभावना का संकेत दिया था।

घटनाक्रम पर पैनी नजर रखने वाले मंत्रियों ने गुरुवार शाम कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री येदियुरप्पा से मुलाकात की थी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर ने कहा कि कैबिनेट की बैठक के बाद कुछ मंत्री सीएम के चैंबर में गए। हम सुबह मीडिया के सामने उनके द्वारा दिए गए बयान के बारे में जानना चाहते थे कि आखिर उस बयान के क्या मतलब हैं। बता दें कि डॉ के सुधाकर भाजपा में आने से पहले कांग्रेस में थे। 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि 25 जुलाई के बाद आलाकमान उन्हें जो भी निर्देश देगा, वह उस निर्णय का पालन करेंगे। बता दें कि बीएस येदियुरप्पा ने कहा था कि राज्य में 26 जुलाई को सरकार के दो साल पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है। इसके बाद मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जो कहेंगे, मैं उसका पालन करूंगा। बीजेपी को सत्ता में वापस लाना मेरा कर्तव्य है। मैं सभी पार्टी कार्यकर्ताओं और अपने सहयोगी नेताओं से अपील करता हूं कि इस मिशन में मेरा साथ दें।

यह पूछे जाने पर कि ऐसे नेताओं के इस समूह के लिए येदियुरप्पा के बयान का क्या अर्थ होगा, डॉ सुधाकर ने कहा कि हमारे नेता येदियुरप्प पर हमें विश्वास था और हम आए। साथ ही हम सभी एक पार्टी के रूप में भाजपा के सिद्धांतों, विचारधारा से सहमत थे। यही वह मूल आधार है, जिसके लिए हम आए हैं। हम यहां सिर्फ सत्ता के लिए या किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं आए हैं। 

यह पूछे जाने पर कि क्या येदियुरप्पा के पद छोड़ने पर वे इस्तीफा दे देंगे, एक अन्य पूर्व कांग्रेसी और मौजूदा कृषि मंत्री बीसी पाटिल ने कहा कि हमें इस्तीफा क्यों देना चाहिए? क्या हुआ? बिना किसी कारण के इस्तीफा कौन देगा? कोई पागल नहीं है। यहां को भी मुर्ख नहीं है। हम सभी सम्मानित लोग हैं। हम सभी विधायक, मंत्री हैं। हमें इस्तीफा क्यों देना चाहिए? 

गौरतलब है कि साल 2019 में 17 विधायक उस जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार से निकल गए थे, जिसमें लगभग सभी भाजपा में शामिल हो गए। उनमें से अधिकांश ने अपनी पुरानी सीटों पर उपचुनाव लड़ा और कई को कैबिनेट मंत्री बना दिया गया, जिसका कथित तौर पर येदियुरप्पा ने वादा किया था।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें