ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशबीजेपी ने इधर काटा टिकट तो उधर एकनाथ खड़से ने भर दिया नामांकन

बीजेपी ने इधर काटा टिकट तो उधर एकनाथ खड़से ने भर दिया नामांकन

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपने 125 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। हालांकि, इस सूची में सिर्फ 91 विधायकों को ही दोबारा मौका दिया गया है। तो वहीं, 12 विधायकों का पत्ता काट...

बीजेपी ने इधर काटा टिकट तो उधर एकनाथ खड़से ने भर दिया नामांकन
लाइव हिन्दुस्तान,मुंबई।Tue, 01 Oct 2019 06:28 PM
ऐप पर पढ़ें

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपने 125 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। हालांकि, इस सूची में सिर्फ 91 विधायकों को ही दोबारा मौका दिया गया है। तो वहीं, 12 विधायकों का पत्ता काट दिया गया।

पार्टी ने टिकट काटा तो खड़से ने भर दिया नामांकन

बीजेपी की तरफ से जारी इस सूची में पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री एकनाथ खड़से और प्रकाश मेहता का भी मान नहीं है। इस लिस्ट के आने के बाद खड़से ने अपना रास्त अलग अख्तियार करते हुए नामांकन भर दिया।

एकनाथ खड़से ने मुक्ताईनगर के नागेश्वर मंदिर जाकर पहले पूजा की और वहीं से लाव-लश्कर के साथ तहसील स्थित चुनाव कार्यालय पहुंचे। समर्थकों के हुजूम के साथ एकनाथ खड़से ने पर्चा दाखिल किया।

ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र: BJP ने जारी की पहली लिस्ट, जानें किसको कहां से मिला टिकट

नामांकन के बाद खड़से ने कहा- हूं पार्टी का वफादार सिपाही

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, नामांकन भरने के बाद बीजेपी नेता एकनाथ खड़से ने कहा- “मैंने आज नामांकन दाखिल कर दिया है। पार्टी की तरफ से जारी सूची में मेरा नाम नहीं है। लेकिन, मुझे टिकट दिए जाने की संभव से इनकार नहीं किया जा सकता है। मैं नहीं जानता यह सीट बीजेपी के पास जाएगी या शिवसेना के पास। मैं इतना जानता हूं कि पिछले 42 वर्षों से मैं बीजेपी का वफादार सिपाही रहा हूं।”

खड़से ने आगे कहा- अगर पार्टी के लिए वफादार बनना अपराध है तो मैं अपराधी हूं। पिछले 25 वर्षों से प्रमोद महाजन और गोपीनाथ मुंडे के समय से मैं महाराष्ट्र बीजेपी के फैसले लेनेवाली ईकाई में शामिल रहा हूं। मैं दूसरे के टिकट का फैसला करता था।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र की राजनीति में एकनाथ खड़से का लंबा कार्यकाल रहा है। साल 2014 में फडणवीस सरकार में खड़से को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली थी। लेकिन भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद उनके नाम से कई और विवाद जुड़े। जिसकी वजह से उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र में BJP की पहली कैंडिडेट लिस्ट, 12 विधायकों का कटा पत्ता

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें