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Lok sabha Election: BJP ने पूर्वांचल में साधा जातीय संतुलन

आखिरकार भाजपा ने पूर्वांचल की घोषित होने से बचीं आठ सीटों में से सात सीटों पर फंसे पेंचों को सुलझा लिया। भाजपा ने पूर्वांचल की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाली जो जातियां छूट गई थीं, उनके नेताओं को...

 Lok sabha Election: BJP ने पूर्वांचल में साधा जातीय संतुलन
लखनऊ, शोभित मिश्र Tue, 16 Apr 2019 09:34 AM
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आखिरकार भाजपा ने पूर्वांचल की घोषित होने से बचीं आठ सीटों में से सात सीटों पर फंसे पेंचों को सुलझा लिया। भाजपा ने पूर्वांचल की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाली जो जातियां छूट गई थीं, उनके नेताओं को प्रत्याशी बनाकर जाति के कोरम को भी पूरा करने की कोशिश की है। भाजपा इन सात सीटों पर अति पिछड़ी, पिछड़ी और सवर्ण जातियों के प्रत्याशियों को उतारा है। 

भाजपा को पूर्वांचल की सीटों पर अहम भूमिका निभाने वाले निषाद और बिंद समुदाय के एक-एक प्रत्याशी को उतार दिया। भाजपा ने मछलीशहर (सु.) से रामचरित्र निषाद का टिकट काटकर बसपा से आए बी.पी.सरोज को प्रत्याशी बनाया था। अब निषाद समुदाय को पूर्वांचल की एक सीट देनी थी तो निषाद पार्टी से भाजपा में शामिल हुए प्रवीण निषाद को संतकबीर नगर से प्रत्याशी बनाया गया है। इसी तरह बिंद समुदाय के नेता रमेश बिंद को भदोही से टिकट दे दिया है। अम्बेडकर नगर लोकसभा सीट पर कुर्मी समुदाय का खासा दखल है तो वहां से काबीना मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा को मैदान में उतार दिया है। 

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घोषित सात सीटों में अधिक अहम सीट गोरखपुर, देवरिया और संतकबीरनगर थीं। इन सीटों पर उतरने वाले भाजपा प्रत्याशियों पर सबकी निगाहें लगी हुईं थीं। मुख्यमंत्री द्वारा पांच बार सीट जीतने के कारण यह सीट भाजपा का अभेद दुर्ग बन चुकी थी। गोरखपुर के सांसद योगी आदित्य नाथ के मुख्यमंत्री बनने से इस सीट के उपचुनाव में भाजपा समाजवादी पार्टी से हार गई। भाजपा के उपेन्द्र दत्त शुक्ल बसपा समर्थित सपा प्रत्याशी प्रवीण निषाद से हार गए। इसी उपचुनाव में भाजपा की हार ने सपा-बसपा गठबंधन की नींव डाली।

इसलिए इस बार इस सीट से प्रत्याशी चयन में भाजपा ने काफी सावधानी बरती। बीच में इस सीट से कई नाम उछले, लेकिन आखिरी में मुहर लगी ब्राह्मण समुदाय के रवि किशन शुक्ला पर...। भोजपुरी फिल्मों के प्रख्यात कलाकार होने के कारण उनकी गोरखपुर समेत पूर्वांचल जिलों में अलग पहचान है। रवि किशन 2014 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जौनपुर से चुनाव लड़े थे लेकिन उनको जीत हासिल नहीं हो पाई।

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संतुलन के लिए शरद का टिकट काट उनके पिता को दिया
संतकबीर नगर में सांसद शरद त्रिपाठी को दोबारा टिकट मिलने पर पहले से ही संशय था, लेकिन चुनाव घोषणा से पहले एक बैठक में अपने ही संसदीय क्षेत्र के विधायक के साथ जूतमपैजार करने के कारण नेतृत्व ने दोबारा प्रत्याशी न बनाने के बारे में तय कर लिया। क्षेत्रीय विधायकों का भी शरद को प्रत्याशी बनाने को लेकर विरोध था। इसलिए संतुलन बनाने के लिए शरद का टिकट तो काट दिया गया, लेकिन उनके पिता रमापति राम त्रिपाठी को देवरिया से टिकट दे दिया गया। इसी तरह प्रतापगढ़ के अपना दल के विधायक संगम लाल गुप्ता को भाजपा ने अपने चुनाव चिन्ह पर प्रत्याशी बनाया है। इस सीट से रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भैया' ने अपनी पार्टी से चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया है। .

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