दिल्ली में हार के बाद BJP बिहार को लेकर अलर्ट: पार्टी को नीतीश के चेहरे पर पूरा भरोसा, लेकिन...
बिहार में अगले तीन महीने में भाजपा अपने हर विधायक की रिपोर्ट तैयार करने जा रही है। जहां पर भी विधायक के खिलाफ माहौल होगा, वहां पर नए चेहरे को मौका दिया जा सकता है। दिल्ली की हार के बाद भाजपा को बिहार...
बिहार में अगले तीन महीने में भाजपा अपने हर विधायक की रिपोर्ट तैयार करने जा रही है। जहां पर भी विधायक के खिलाफ माहौल होगा, वहां पर नए चेहरे को मौका दिया जा सकता है। दिल्ली की हार के बाद भाजपा को बिहार विधानसभा चुनावों की चिंता सताने लगी है। हालांकि, राज्य में उसे अपने सहयोगी जद (यू) के नेता नीतीश कुमार के चेहरे पर पूरा भरोसा है, लेकिन पार्टी गठबंधन में अपनी ताकत कमजोर नहीं पड़ने देना चाहती है।
भाजपा का मानना है कि बिहार में जद (यू) व लोजपा के साथ मजबूत गठबंधन के बावजूद मुकाबला कड़ा हो सकता है। राज्य में विपक्षी दल अभी भले ही बिखरे दिख रहे हों, लेकिन चुनाव के समय वे भाजपा विरोध के नाम पर एकजुट हो सकते हैं। विपक्षी खेमे में कुछ दलों की शरद यादव को आगे लाने की कोशिशों के साथ राजद के रुख पर भी भाजपा की नजर है। इस बीच भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को पटना में प्रदेश कोर ग्रुप के साथ चर्चा कर राजनीतिक व चुनावी स्थितियों पर चर्चा की।
नीतीश के नेतृत्व में बिहार में फिर बनेगी एनडीए की सरकार : जेपी नड्डा
महाराष्ट्र के अनुभव से सबक
सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन को लगे झटके के बाद भाजपा नेतृत्व बेहद सतर्क है। हालांकि, यहां पर पहले से यह तय है कि चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे। लेकिन उस समय क्या स्थितियां होगी, इसलिए भाजपा अपनी ताकत कम नहीं होने देना चाहती है। राज्य में भाजपा को जद (यू) के मुकाबले कम सीटें लड़ने को मिल सकती हैं, लेकिन वह उसमें अधिकतम सीटें जीतने की रणनीति पर काम करेगी।
बिहार की नब्ज जानते हैं नड्डा
इसके लिए पार्टी अपने विधायकों के कामकाज को लेकर बेहद सतर्क है। सूत्रों के अनुसार, अगले तीन महीने में पार्टी के सभी विधायकों के कामकाज का ब्योरा जुटाएगी। जिनका कामकाज खराब होगा या जिनके खिलाफ सत्ता विरोधी रुझान होगा, उनकी जगह पार्टी नए चेहरों को मौका दे सकती है। चूंकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी राजनीति की शुरुआत बिहार में विद्यार्थी परिषद से की थी, इसलिए वे बिहार की नब्ज को बेहतर समझते हैं। ऐसे में उनका अपना निर्णय भी अहम होगा।