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पाक प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के साथ बिम्सटेक 

पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को लेकर बिम्सटेक के सदस्य देश भारत की चिंता के साथ खड़े हैं। दिल्ली में बिम्सटेक देशों के सुरक्षा प्रतिनिधियों की अनौपचारिक चर्चा में पाकिस्तान में मौजूद आतंकी अड्डों और...

पाक प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के साथ बिम्सटेक 
नई दिल्ली | पंकज कुमार पाण्डेयThu, 15 Nov 2018 06:43 AM
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पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को लेकर बिम्सटेक के सदस्य देश भारत की चिंता के साथ खड़े हैं। दिल्ली में बिम्सटेक देशों के सुरक्षा प्रतिनिधियों की अनौपचारिक चर्चा में पाकिस्तान में मौजूद आतंकी अड्डों और वहां से परोसे जा रहे आतंकवाद को क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया। इस चर्चा का मकसद सुरक्षा के मोर्चे पर बिम्सटेक देशों में आपसी भरोसा पैदा करना है। इसमें नई जमात विचारधारा, कट्टरपंथ और रोहिंग्या समस्या के अलावा साइबर चुनौती पर भी चर्चा की गई। बैठक में सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ कई देशों के सुरक्षा सलाहकार शामिल हैं।

सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान की धरती से पनप रहे आतंकवाद को लेकर बिम्सटेक देशों की चिंता एकसमान है। सदस्य देशों का मानना है कि इससे क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा को बड़ी चुनौती पैदा हो रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि वहां मौजूद आतंकी संगठन अनियंत्रित होकर आईएसआईएस जैसे कुख्यात संगठन से हाथ मिला सकते हैं, जो इस इलाके में पैठ बनाने की कोशिश में हैं। कट्टरपंथ की नई धारा को लेकर भी सदस्य देश चिंतित हैं।

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ज्यादा मजबूत साझेदारी पर जोर 

चर्चा में शामिल सूत्रों ने कहा कि सदस्य देशों की खुफिया एजेंसियों के बीच सूचनाएं साझा करने और आतंकवाद के खिलाफ साझा तंत्र बनाने को लेकर बैठक में बात हुई। सभी ने साइबर की चुनौती को बड़ा खतरा बताया। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह ऐसा क्षेत्र हैं जिसमें सभी देशों को मिलकर काम करना होगा।

नजदीक आ रहे हैं सदस्य देश

सूत्रों ने कहा कि भारत बिम्सटेक को मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। आधिकारिक स्तर पर आयोजनों के अलावा अनौपचारिक स्तर पर भी सदस्य देशों के बीच बातचीत हो रही है। भारत की इस कवायद से साफ है कि इस क्षेत्र में पाक को अलग-थलग करके अन्य पड़ोसियों के साथ बेहतर संबंध बनाने के साथ भारत नई साझेदारी के लिए बिम्सटेक को उपयुक्त मंच बनाना चाहता है। आने वाले दिनों में बिम्सटेक से संपर्क, सुरक्षा सहयोग बढ़ेगा। 

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