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ऐसी राजनीति पर शर्मिंदगी नहीं होती प्रधानमंत्री जी... बिलकिस बानो केस पर राहुल गांधी का हमला

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि अपराधियों को भाजपा का समर्थन महिलाओं के प्रति पार्टी की मानसिकता को प्रदर्शित करता है और पीएम नरेंद्र मोदी से पूछा कि क्या उन्हें इस तरह की राजनीति पर शर्म नहीं आती?

ऐसी राजनीति पर शर्मिंदगी नहीं होती प्रधानमंत्री जी... बिलकिस बानो केस पर राहुल गांधी का हमला
Gaurav Kalaलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीThu, 18 Aug 2022 05:09 PM

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि अपराधियों को भाजपा का समर्थन महिलाओं के प्रति पार्टी की मानसिकता को प्रदर्शित करता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि क्या उन्हें इस तरह की राजनीति पर शर्म नहीं आती है। राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के उन्नाव और हाथरस, जम्मू-कश्मीर के कठुआ और अब गुजरात में बलात्कार के मामलों का उदाहरण दिया। जहां अभी गुजरता की भाजपा सरकार ने इस सप्ताह 2002 के बिलकिस बानो मामले में बलात्कार और हत्या के दोषियों को रिहा कर दिया।

गुरुवार को ट्वीट करके कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। ट्वीट में राहुल गांधी ने लिखा, "उन्नाव - भाजपा विधायक को बचाने के लिए काम किया। कठुआ - बलात्कारियों के पक्ष में रैली। हाथरस - बलात्कारियों के पक्ष में सरकार। गुजरात - बलात्कारियों की रिहाई और सम्मान। अपराधियों का समर्थन महिलाओं के प्रति भाजपा की क्षुद्र मानसिकता को प्रदर्शित करता है।"

राहुल गांधी आगे लिखते हैं और पूछते हैं कि 'क्या आपको ऐसी राजनीति पर शर्म नहीं आती प्रधानमंत्री जी।

गैंगरेप के दोषियों की रिहाई में भाजपा शामिल 
बिलकिस बानो मामले के दोषियों की रिहाई पर चर्चा करते हुए, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि भाजपा के दो विधायक उस समीक्षा पैनल का हिस्सा थे जिसने उन्हें छूट दी थी। उन्होंने ट्विटर पर आरोप लगाया, "गुजरात में सामूहिक बलात्कार के लिए दोषी ठहराए गए 11 लोगों को छूट देने के लिए एक दिलचस्प कहानी है। समीक्षा पैनल में भाजपा के दो विधायक सी. के. रावलजी और सुमन चौहान थे।" उन्होंने कहा कि "एक अन्य सदस्य मुरली मूलचंदानी थे जो गोधरा ट्रेन जलाने के मामले में अभियोजन पक्ष के मुख्य गवाह थे!"  

गौरतलब है कि गुजरात सरकार ने अपनी छूट नीति के तहत बिलकिस बानो से गैंगरेप और बानो के परिवार के सात लोगों की हत्या में शामिल 11 दोषियों को रिहाई के आदेश दिए थे। उन्होंने जेल में 15 साल से अधिक समय पूरा किया था।

दरअसल, मुंबई में एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अदालत ने 21 जनवरी, 2008 को बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों के सामूहिक बलात्कार और हत्या के आरोप में 11 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा। साल 2002 में गुजरात के गोधरा ट्रेन में आग लगने के बाद भड़की हिंसा के वक्त बिलकिस बानो 21 साल की थी और पांच महीने की गर्भवती थी। मारे गए लोगों में उसकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी।

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