अवैध शराब पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सभी थाने को ये है फरमान
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी के बावजूद कई इलाकों में इसकी अवैध बिक्री को लेकर नया दिशा निर्देश दिया है। नीतीश कुमार ने सभी थाने से कहा है कि वह इस बात को लिखित में दें कि उनके इलाके...
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी के बावजूद कई इलाकों में इसकी अवैध बिक्री को लेकर नया दिशा निर्देश दिया है। नीतीश कुमार ने सभी थाने से कहा है कि वह इस बात को लिखित में दें कि उनके इलाके में अवैध रूप से शराब की बिक्री नहीं की जा रही है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बिहार के मुख्यमंत्री ने बुधवार को जारी फरमान में कहा कि लिखित आश्वासन के बावजूद अगर उस संबंधित थाना क्षेत्र से कई अवैध शराब बरामद होती है तो उन थानों के पुलिसकर्मियों को अगले दस साल तक थानों में पोस्टिंग नहीं दी जाएगी।
Bihar CM yesterday gave directions to police to take in writing from each police station that illegal alcohol trade isn't taking place in their area. If alcohol is recovered from the area after that, the police personnel won't be given postings in police stations for next 10 yrs pic.twitter.com/HT7FqPV9HM
— ANI (@ANI) June 13, 2019
मुख्यमंत्री ने कहा कि माफिया गिरोह और धंधेबाजों को पकड़ें, तभी शराब के अवैध कारोबार पर पूरी तरह पाबंदी लगेगी। गहराई में जाकर धंधेबाजों पर कार्रवाई करनी होगी। अब तक जिन लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं, वे कौन लोग हैं। उनका विश्लेषण करें और सख्त से सख्त कार्रवाई करें। शराबबंदी को प्रभावी बनाने के लिए आईजी प्रोहिबिशन तंत्र विकसित किया गया है। उसे और अधिक सक्रिय एवं प्रभावी बनाएं। कहा कि हरियाणा और अन्य राज्यों का लेबल लगाकर कहीं हमारे अगल-बगल के राज्यों से ही तो बिहार में शराब की आपूर्ति नहीं हो रही है, इसको देखें।
ये भी पढ़ें: बिहार : खुशखबरी! TET और STET सर्टिफिकेट की वैधता 2 साल के लिए बढ़ी
शराबबंदी स्थायी बनाने को निरंतर अभियान चलाएं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बिहार में जो लोग अवैध शराब के कारोबार में पकड़े जा रहे हैं, वे पहले किस धंधे में थे यह भी देखें। शराबबंदी से पहले जो शराब के कारोबार में लगे थे, वे अब कौन सा व्यवसाय कर रहे हैं, इन तमाम चीजों को ध्यान में रखते हुए जांच करें। आईजी प्रोहिबिशन को निर्देश दिया कि कार्रवाई में कमी हो रही है तो आप खुद इन्वेस्टिगेट कर कार्रवाई करें।
मुख्यमंत्री शराबबंदी की समीक्षा कर रहे थे। कहा कि शराबबंदी को स्थायी रूप से कारगर बनाने के लिए निरंतर अभियान चलाने की आवश्यकता है। शराबबंदी के कारण महिलाओं एवं बच्चों को काफी राहत मिली है। इस काम में आईजी प्रोहिबिशन के साथ-साथ इंटेलिजेंस, एक्साइज, स्पेशल ब्रांच व पुलिस सभी को लगाएं, ताकि धंधेबाजों को चिन्हित कर उन पर कानूनी कार्रवाई हो सके। शराबबंदी के प्रति हमलोगों का कमिटमेंट है।
कहा कि आप सभी एक्शन व डेडिकेशन से इस काम में लगिएगा तभी कामयाबी मिलेगी। सभी अधिकारियों एवं कर्मियों तथा लोगों से फिर से संकल्प कराइए और शपथ पत्र लीजिये। बैठक में प्रेजेंटेशन के माध्यम से शराब के अवैध कारोबार में लिप्त धंधेबाजों के खिलाफ की गयी कार्रवाई, गिरफ्तारी, जिलावार शराब की जब्ती, विभागीय उपलब्धियां, शराबबंदी कॉल सेंटर की कार्यशैली, चेकपोस्ट पर सक्रियता, मॉनिटरिंग मैकेनिज्म पर गंभीरतापूर्वक चर्चा की गयी। बैठक में मद्य निषेध एवं निबंधन मंत्री बिजेन्द्र यादव, मुख्य सचिव दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव गृह आमिर सुबहानी, डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार उपस्थित थे।
गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। जिसके बाद से वहां पर शराबी की खरीद बिक्री पर प्रतिबंध है। उसके बाजवूद कई ऐसी रिपोर्ट्स आई है जिससे यह पता चलता है कि वहां पर लगातार शराब की बिक्री कई इलाकों में बखूबी की जा रही है।
ये भी पढ़ें: अब बिहार में बुजुर्ग माता-पिता की सेवा नहीं करने वाले जाएंगे जेल