बिहार में चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा राजग, सीटों को लेकर पेंच बरकरार
बिहार में राजग के सभी घटक दलों ने मिलकर चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है, लेकिन सीटों के तालमेल को लेकर पेंच बरकरार है। लोजपा के नए दावे के बाद भाजपा और जदयू को जल्दी ही सीटों के...

बिहार में राजग के सभी घटक दलों ने मिलकर चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है, लेकिन सीटों के तालमेल को लेकर पेंच बरकरार है। लोजपा के नए दावे के बाद भाजपा और जदयू को जल्दी ही सीटों के तालमेल का फैसला करना पड़ेगा। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने रविवार (23 अगस्त) को पार्टी की प्रदेश इकाई के सम्मेलन में साफ कर दिया था कि राजग नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव मैदान में जाएगा और तीनों दल भाजपा जदयू एवं लोजपा मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
इससे यह तो साफ हो गया है कि चुनाव की तिथियों को लेकर जो मतभेद थे वे अब आगे नहीं बढ़ेंगे और राजग के तीनों घटक दल जब भी चुनाव होंगे उसकी तैयारी में जुट जाएंगे। हालांकि अब सीटों के बंटवारे को लेकर पेंच फंस सकता है। लोजपा ने 42 विधानसभा सीटों पर दावा ठोका है और उसका कहना है कि लोकसभा चुनाव में तीनों दलों के प्रदर्शन के आधार पर सीटों का बंटवारा हो। हालांकि जदयू इसे स्वीकार नहीं करेगा और भाजपा भी इससे सहमत नहीं होगी।
सूत्रों के अनुसार 243 सदस्यीय विधानसभा में मोटे तौर पर जदयू सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव मैदान में होगा। उसके बाद भाजपा और लोजपा तीसरे नंबर की पार्टी रहेगी। अभी अंदरूनी चर्चाओं में जो फॉर्मूला उभर रहा है उसमें भाजपा और जद यू दोनों ही 100 या उससे ज्यादा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर सकते हैं और बाकी बची हुई सीटें लोजपा के खाते में आएंगी।
जदयू लगभग 110 और भाजपा 100 सीटों के आसपास चुनाव लड़ेगी, जबकि लोजपा के पास लगभग 33 सीटें आ सकती हैं, लेकिन लोजपा की 42 सीटों की दावेदारी से मामला उलझा हुआ है। भाजपा के एक प्रमुख नेता ने कहा है कि हर चुनाव के पहले गठबंधन में हर घटक दल ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता है। बाद में जब सब मिलकर बैठते हैं तो एक फॉर्मूला निकलता है जिस पर सभी सहमत होते हैं। इस बार भी जब तीनों दलों के नेता एक साथ बैठेंगे तो सीटों का तालमेल तय कर लिया जाएगा।