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बीएचयू : अश्लील हरकत में घिरे प्रोफेसर की बर्खास्तगी के लिए सड़क पर स्टूडेंट्स

बीएचयू में अश्लील हरकत के मामले में घिरे जंतु विज्ञान विभाग के प्रोफेसर शैल कुमार चौबे को बर्खास्त करने की मांग को लेकर विज्ञान संस्थान के छात्र- छात्राओं ने शनिवार देर शाम सिंहद्वार पर धरना शुरू कर...

बीएचयू : अश्लील हरकत में घिरे प्रोफेसर की बर्खास्तगी के लिए सड़क पर स्टूडेंट्स
कार्यालय संवाददाता ,वाराणसीSun, 15 Sep 2019 02:32 AM
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बीएचयू में अश्लील हरकत के मामले में घिरे जंतु विज्ञान विभाग के प्रोफेसर शैल कुमार चौबे को बर्खास्त करने की मांग को लेकर विज्ञान संस्थान के छात्र- छात्राओं ने शनिवार देर शाम सिंहद्वार पर धरना शुरू कर दिया। प्रो. चौबे को फिर बहाल करने का विरोध करते हुए छात्र-छात्राएं तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे थे। विवि प्रशासन ने उन्हें कई बार समझाने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं माने। देर रात तक धरना जारी था। 

हमें चाहिए आजादी

आधी रात के बाद छात्र-छात्राओं ने डफली थाम जेएनयू की तर्ज पर ‘हमें चाहिए आजादी ...’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। विवि प्रशासन की ओर से मामले पर पुनर्विचार का आश्वासन भी बेअसर रहा।  

दोषी पाए गए थे चौबे

प्रो. चौबे पर कई छात्राओं ने पिछले साल पूरी के शैक्षणिक भ्रमण के दौरान अश्लील हरकतें करने का आरोप लगाया था। जांच में वह दोषी पाए गए। इस पर विश्वविद्यालय ने उन्हें विद्यार्थियों से जुड़ी गतिविधियों में शामिल नहीं होने, प्रशासनिक पद नहीं दिए जाने और इस पेनाल्टी को सर्विस रिकॉर्ड में दर्ज करने की कार्रवाई कर उन्हें फिर बहाल कर दिया।

‘प्रो. चौबे दोषी हैं तो फिर क्यों किया बहाल’

बीएचयू के सिंहद्वार पर धरनारत छात्र-छात्राओं ने शनिवार रात विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया। कहा कि जांच समिति ने जब जंतु विज्ञान विभाग के प्रो. एसके चौबे को दोषी माना है तो विवि प्रशासन ने उन्हें क्यों बहाल कर दिया? आरोपित प्रो. चौबे को बचाने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आक्रोशित छात्र-छात्रा देर रात कार्रवाई की मांग पर अड़ी रहीं। शनिवार आधी रात के बाद भी छात्राओं का गुस्सा कम नहीं था। उन्होंने कहा कि प्रो. एसके चौबे का जो अपराध है, उसके आधार पर उन्हें विश्वविद्यालय में बने रहने का अधिकार नहीं है। उन्हें बर्खास्त करने के साथ ही उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाए। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने  12 सितम्बर के अंक में ‘बचे कार्यकाल में सिर्फ पढ़ाएंगे प्रोफेसर चौबे’ शीर्षक से खबर प्रकाशित  कर मामले को प्रमुखता से उठाया था। 


दोनों छोटे द्वार खुले रहे

छात्राएं बीएचयू के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने धरने पर बैठी थीं। उन्होंने दोनों छोटे द्वार को आवाजाही के लिए छोड़ रखा था। छात्राओं का कहना था कि उनकी मंशा किसी आमजन को दिक्कत में डालने की नहीं है। प्रदर्शन बीएचयू प्रशासन की हीलाहवाली के विरोध में है। देर रात घट गयी छात्राओं की संख्या रात आठ बजे से शुरू धरना-प्रदर्शन देर रात तक जारी रहा। रात 12.30 बजे के बाद छात्राओं की संख्या घटने लगी थी। हालांकि छात्रों की संख्या में कमी नहीं दिखी। 

सितम्बर 2017 में भी हुआ था बवाल दो साल पहले कैम्पस में छात्रा से छेड़खानी की घटना के बाद उग्र आंदोलन हुआ था। उस समय भी छात्र छात्राओं ने सिंहद्वार बंद करके दो दिन धरना दिया था। बाद में उनको हटाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा था।

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