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ज्योति बसु के करीबी रहे भास्कर खुल्बे और अमरजीत सिन्हा होंगे प्रधानमंत्री के सलाहकार

सेवानिवृत आईएएस अधिकारियों भास्कर खुलबे और अमरजीत सिन्हा को प्रधानमंत्री का सलाकार नियुक्त किया गया है। एक सरकारी आदेश में शुक्रवार (21 फरवरी) को इस बात की जानकारी दी गई। आदेश में कहा गया है कि दोनों...

ज्योति बसु के करीबी रहे भास्कर खुल्बे और अमरजीत सिन्हा होंगे प्रधानमंत्री के सलाहकार
लाइव हिंदुस्तान टीम संवाददाता,नई दिल्ली नैनीतालSat, 22 Feb 2020 12:56 AM
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सेवानिवृत आईएएस अधिकारियों भास्कर खुलबे और अमरजीत सिन्हा को प्रधानमंत्री का सलाकार नियुक्त किया गया है। एक सरकारी आदेश में शुक्रवार (21 फरवरी) को इस बात की जानकारी दी गई। आदेश में कहा गया है कि दोनों अधिकारियों को कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने सचिव के समान पद एवं वेतनमान पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। 

भास्कर खुलबे और अमरजीत सिन्हा दोनों 1983 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। खुलबे पश्चिम बंगाल कैडर और सिन्हा बिहार कैडर से थे। पिछले साल सिन्हा ग्रामीण विकास सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे, जबकि खुलबे पीएमओ में अपनी सेवा दे चुके हैं।

आदेश में कहा गया है कि अनुबंध के आधार पर यह नियुक्तियां दो साल की अवधि के लिए हुई हैं और अगले आदेश के बाद ही इसे बढ़ाया जा सकेगा। साथ ही कहा गया है कि सरकार में सचिव स्तर के पुनर्नियुक्त अधिकारियों के पर लागू नियम और शर्तें इन दोनों पर भी लागू होंगी।

ज्योति बसु के करीबी रहे हैं आईएएस खुल्बे
1983 बैच के आईएएस अधिकारी भास्कर खुल्बे को प्रधानमंत्री मोदी का सलाहकार बनाया गया है।  मूलरूप से अल्मोड़ा के भिकियासैंण और नैनीताल के निवासी खुल्बे प्रधानमंत्री मोदी के सलाहकार जैसे महत्वपूर्ण पद पर पहुंचने वाले  क्षेत्र के पहले आईएएस हैं। भास्कर खुल्बे पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु के करीबी अधिकारी रहे। उनके साथ भी उन्होंने अहम जिम्मेदारी निभाई।

उनके साले भरत पांडे ने 'हिन्दुस्तान' से बातचीत में बताया कि भिकियासैंण से प्राथमिक और फिर डीएसबी से उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले भास्कर 1983 बैच के आईएएस हैं। उनके पिता स्वर्गीय ख्यालीराम खुल्बे ठेकेदार थे। तल्लीताल रिक्शा स्टैंड के ऊपर उनका निवास था। 1979 में उन्होंने डीएसबी से शिक्षा हासिल की।

कॉलेज के दिनों में वह विभिन्न संभाषण प्रतियोगिताओं के लिए लोगों के भाषण आदि भी लिखा करते थे। उनके ज्ञान व प्रत्येक विषय की जानकारी के सभी कायल थे। उन्होंने कठिन परिश्रम कर लक्ष्य हासिल किया। उत्तराखंड के नौजवानों को उनके मजबूत इरादों से प्रेरणा लेनी चाहिए। भास्कर खुल्बे की पत्नी मीता खुल्बे भी आईएएस अधिकारी रहीं। बेटा प्रतीक आईटी दिल्ली में है।

कवि भी हैं भास्कर
मन में तस्वीर जो बनती है, वह प्रेरक साबित होती है। साधना से उसको गढ़ लेना, निश्चय की ताकत होती है।  सपने तो हैं हर पल नवल, उन्हें संजोना इबादत होती है।  कल्पना के मन सागर में, भावों की आयत सोती है।  जो रात जाग मूर्ति जाग्रत करें, बस जीत उन्हीं की होती है। 

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