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देसी कोवैक्सिन की क्षमता पर सवाल उठाने वालों को भारत बायोटेक का जवाब- धैर्य है तो हमारे ट्रायल के डेटा पढ़ लें

भारत बायोटेक का स्वदेशी कोरोना टीका कोवैक्सिन परीक्षण में 81 फीसदी प्रभावी पाया गया है। इसके बाद इसके इस्तेमाल को लेकर संभावनाएं और बेहतर हो गई हैं। इस बीच भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक...

देसी कोवैक्सिन की क्षमता पर सवाल उठाने वालों को भारत बायोटेक का जवाब- धैर्य है तो हमारे ट्रायल के डेटा पढ़ लें
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 04 Mar 2021 11:20 AM
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भारत बायोटेक का स्वदेशी कोरोना टीका कोवैक्सिन परीक्षण में 81 फीसदी प्रभावी पाया गया है। इसके बाद इसके इस्तेमाल को लेकर संभावनाएं और बेहतर हो गई हैं। इस बीच भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने कहा कि ट्रायल रिपोर्ट के आने के पहले से ही वैक्सीन को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। बता दें कि इससे पहले भारत बायोटेक के टीके के परीक्षण के अंतिम परिणाम आने से पहले ही इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी दिये जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया था।  कंपनी के टीके के अग्रिम चिकित्सीय परीक्षण के आंकड़े अब आ गये हैं। 

कंपनी द्वारा जारी किए गए एक वीडियो संदेश में भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने कहा कि हमें यह याद है कि लोगों ने हमारी आलोचना की थी कि हमारा डेटा पारदर्शी नहीं है, सार्वजनिक डोमेन में नहीं है। मुझे आज यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि हमारा डेटा छह प्रकाशनों में सार्वजनिक डोमेन में है। अगर लोगों के पास धैर्य है तो उन्हें उन लेखों को पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोवैक्सिन ने उच्च चिकित्सीय प्रभाविता दिखाई है, साथ ही इसने तेजी से उभरते कोरोना के नये रूपों के खिलाफ भी बेहतर रोधक क्षमता दिखाई है। कई लोगों ने हमारी आलोचना की।

बता दें कि मार्च 2020 में भारत बायोटेक और आईसीएमआर ने वैैक्सीन के परीक्षण के लिए हाथ मिलाया। इसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सहयोग से पूरा किया गया। हैदराबाद की इस कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसके तीसरे चरण के परीक्षण में 25,800 व्यक्ति शामिल हुए। भारत बायोटेक मई के महीने से ही वैक्सीन पर काम कर रही थी। 755 प्रतिभागियों में किए गए फेज 1 और फेज 2 के क्लिनिकलल ट्रायल ने उम्मीदवार पर एक उच्च सुरक्षा प्रोफाइल का प्रदर्शन किया। कोविड- 19 से बचाव के लिये कोवैक्सिन टीके को भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर देश में ही विकसित किया है। उसके टीके का 25,800 लोगों पर फाइनल परीक्षण किया गया जो कि भारत में अब तक सबसे अधिक लोगों पर किया गया है। तीसरे चरण के परीक्षण में 18 से लेकर 98 वर्ष के लोगों को शामिल किया गया। इसमें 2,433 भागीदार 60 वर्ष से अधिक आयु के थे जबकि 4,500 ऐसे लोग शामिल हैं जिन्हें दूसरी बीमारियां थीं। 

तीसरे चरण के ट्रायल के डेटा आने से पहले ही वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की भारत में मंजूरी मिल गई।  कंपनी के टीके के परीक्षण के अंतिम परिणाम आने से पहले ही इसके इस्तेमाल को लेकर कुछ स्वास्थ्य कर्मियों ने भी आशंका जताई थी। कई मंत्री से लकेर डॉक्टरों ने भी इस पर सवाल खड़े किए थे। दूसरे फेज के टीकाकरण के दौरान भी ऐसे ही सवाल उठे। बहरहाल, उसका टीका 'कोवैक्सिन शुरुआत अनुमान से बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहा है। कंपनी ने शुरू में इसके 60 प्रतिशत तक प्रभावी होने का अनुमान जताया था। देश के दवा नियामक ने जनवरी में कोवैक्सिन के साथ-साथ एस्ट्राजेनेका के टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है। लेकिन चिकित्सीय परीक्षण के अंतिम आंकड़े उपलब्ध नहीं होने के कारण कोवैक्सिन का इस्तेमाल कम हो रहा था। पिछले सप्ताह तक देश में एक करोड़ लोगों को टीका लगाया जा चुका है जिसमें से करीब 11 प्रतिशत ही कोवैक्सिन का इस्तेमाल किया गया। 

लेकिन अब अंतिम परिणाम सामने आने के बाद भारत बायोटेक के दावे को मजबूती मिली है। इसके बाद इस पूरी तरह स्वदेशी टीके के सुरक्षित होने और विदेशों में इसकी बिक्री बढ़ने की संभावनायें बढ़ गई हैं। हैदराबाद की इस कंपनी ने कहा है कि पहले ही 40 से अधिक देशों ने उसके टीके में रुचि दिखा दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कोरोना वैक्सिन का टीका लगवाकर टीकाकरण के दूसरे चरण की शुरुआत की हे। प्रधानमंत्री ने कोवैक्सिन का ही टीका लगवाया है। 

भारत बायोटेक ने कहा कि उसके पहले अंतरिम विश्लेषण के परिणाम 43 मामलों पर आधारित हैं, जिसमें टीके को 80.6 प्रतिशत प्रभावी पाया गया। एल्ला ने कहा, 'कोरोना वायरस के खिलाफ हमारी लड़ाई और विज्ञान के लिये टीके की खोज में आज का दिन महत्वपूर्ण पड़ाव है जिसे हासिल किया गया। तीसरे चरण के चिकित्सीय परीक्षण के आज के परिणाम से हमने अब अपने कोविड- 19 टीके के पहले, दूसरे और तीसरी परीक्षणा के आंकड़े रिपोर्ट कर दिये हैं जिसमें 27,000 भागीदार शामिल रहे।'

सीरम इंस्टिट्यूट द्वारा तैयार टीका कोविशील्ड ने दो टीकों की खुराक के बाद 70 प्रतिशत प्रभावी होने का परिणाम दिखाया है। जबकि भारत बायोटेक के कावैक्सिन टीके ने तीसरे चरण के परीक्षण के बाद 80 प्रतिशत प्रभावी होने की जानकारी दी है। कंपनी परीक्षण के और आंकड़े उपलब्ध होने के साथ ही साझा करेगी। देश में इन दिनों कौवक्सिन के साथ साथ आक्सफोर्ड- एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड टीके को लोगों को लगाया जा रहा है। करीब डेढ़ करोड़ लोगों को ये टीके लगाये जा चुके हैं। (इनपुट भाषा से भी)

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