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भारत बंद: बंगाल में हिंसा की छिटपुट घटनाएं, कई राज्यों में प्रभावित हुईं बैंकिंग सेवाएं, गोवा में सड़कों से बस-टैक्सी नदारद

विभिन्न केंद्रीय श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का बुधवार को दूसरा दिन है और देश के कुछ हिस्सों में सामान्य जनजीवन पर इसका असर देखने को मिला। ये संगठन सरकार पर श्रमिकों के प्रतिकूल नीतियां...

भारत बंद: बंगाल में हिंसा की छिटपुट घटनाएं, कई राज्यों में प्रभावित हुईं बैंकिंग सेवाएं, गोवा में सड़कों से बस-टैक्सी नदारद
नई दिल्ली। एजेंसीWed, 09 Jan 2019 01:40 PM
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विभिन्न केंद्रीय श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का बुधवार को दूसरा दिन है और देश के कुछ हिस्सों में सामान्य जनजीवन पर इसका असर देखने को मिला। ये संगठन सरकार पर श्रमिकों के प्रतिकूल नीतियां अपनाने तथा एकतरफा श्रम सुधार करने का आरोप लगा रहे हैं। खबरों के अनुसार, कुछ राज्यों में सड़क परिवहन तथा बैंकिंग सेवाएं दूसरे दिन भी प्रभावित हुईं। इस हड़ताल को 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों का समर्थन है। इनमें एटक, इंटक, एचएमएस, सीटू, एआईटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी शामिल हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी मजदूर यूनियन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) इस हड़ताल में शामिल नहीं है। इन संगठनों ने हड़ताल के दूसरे दिन बुधवार को राजधानी में मंडी हाउस से संसद की ओर विरोध रैली निकालने की घोषणा की है। उनका कहना है कि देश में अन्य स्थानों में भी जुलूस निकाले जाएंगे। 

गुरुग्राम और फरीदाबाद में दिखा ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का आंशिक असर

पश्चिम बंगाल में हिंसा की छिटपुट घटनाएं
 
केंद्र सरकार की कथित "जनविरोधी" नीतियों के खिलाफ केंद्रीय मजदूर संघों द्वारा आहूत दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल के दूसरे दिन बुधवार को पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं। पुलिस ने बताया कि हावड़ा जिले में स्कूल बसों पर पथराव किया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बाद में पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को वहां से खदेड़ दिया। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिणी कोलकाता के जादवपुर में एक बस स्टैंड पर रैली निकालने के लिए बुधवार को एक बार फिर वरिष्ठ माकपा नेता सुजान चक्रवर्ती को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। 

राजनीतिक स्वार्थ के लिए बंद का आयोजन : मजदूर संघ

दूसरे दिन भी प्रभावित हुईं बैंकिंग सेवाएं

केंद्रीय श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल से बैंकिंग सेवाएं बुधवार को दूसरे दिन भी आंशिक तौर पर प्रभावित हुईं। सरकार की कथित श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने आठ और नौ जनवरी को दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है। कुछ बैंक कर्मचारी संगठनों ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया है। ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) तथा बैंक एम्पलाइज फेडरेशन आफ इंडिया (बीईएफआई) ने हड़ताल का समर्थन किया है। हड़ताल से उन बैंकों का परिचालन प्रभावित हुआ है जहां इन दो संगठनों का ज्यादा प्रभाव है। हालांकि, भारतीय स्टेट बैंक और निजी क्षेत्र के बैंकों में कामकाज पर असर नहीं पड़ा है, क्योंकि बैंक कर्मचारियों के सात अन्य संगठन हड़ताल में भाग नहीं ले रहे हैं।

गाजियाबाद में भी दिखा ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर

उत्तराखंड में बैंकों-डाकघरों में दूसरे दिन भी काम प्रभावित

उत्तराखंड ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल से आम लोग परेशान रहे। ग्रामीण बैंकों में काम पूरी तरह ठप रहा। बाकी बैंकों में भी लेनदेन प्रभावित रहा। कई जगह एटीएम से कैश नहीं निकलने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। डाक सेवाओं पर भी हड़ताल का असर रहा। ग्रामीण डाक सेवकों के हड़ताल में शामिल होने से ग्रामीण क्षेत्रों में डाक नहीं बंट पाई। डाकघरों के काउंटरों पर दिनभर लोगों की लंबी लाइन रही। अ

गोवा में बस-टैक्सी सड़कों से नदारद

गोवा में बुधवार को निजी बसें और पर्यटक टैक्सियां नहीं चलीं जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ। राज्य में निजी बस संगठन ने अपनी सेवाएं बंद रखीं जिससे विभिन्न बस स्टैंड पर यात्रियों की लंबी कतारें देखने को मिलीं। परिवहन निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित कदंब परिवहन निगम ने 800 अतिरिक्त बसों का परिचालन शुरू किया है। सरकार के नदी नौवहन विभाग द्वारा संचालित की जाने वाली नौका सेवा के बंद रहने के कारण तटीय राज्य में द्वीपों पर रहने वाले लोगों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ा।

क्या है मांगें

हड़ताली संगठनों का आरोप है कि सरकार ने श्रमिकों के मुद्दों पर उसकी 12 सूत्री मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया है। उनका यह भी कहना है कि श्रम मामलों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में गठित मंत्रियों के समूह ने दो सितंबर 2015 के बाद यूनियनों को वार्ता के लिए एक बार भी नहीं बुलाया है। ये यूनियनें श्रम संघ कानून 1926 में प्रस्तावित संशोधनों का भी विरोध कर रही हैं। उनका कहना है कि इन संशोधनों के बाद यूनियनें स्वतंत्र तरीके से काम नहीं कर सकेंगी।     
हड़ताल में शामिल ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की महासचिव अमरजीत कौर ने पीटीआई भाषा से कहा कि गोवा और बिहार में पूरी तरह से बंद रहेगा तथा देश के कुछ अन्य हिस्सों में भी 100 प्रतिशत हड़ताल रहेगी। उन्होंने कहा कि यूजीसी परीक्षा के कारण कुछ राज्यों के परिवहन विभाग हड़ताल में शामिल नहीं होंगे। इन श्रमिक संगठनों की हड़ताल को पहले दिन यानी मंगलवार को देश में मिश्रित प्रतिक्रिया मिली थी। शैक्षणिक संस्थानों, रेल, बैंकिंग, डाक तथा परिवहन सेवाओं में बुधवार को भी बाधाएं आने की आशंकाएं हैं।

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