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शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती आज, पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, सीएम योगी ने किया नमन

देश को स्वतंत्रता दिलाने में अग्रणी भूमिक निभाने वाली महान क्रांतिकारी शहीद ए आजम भगत सिंह की आज जयंती है। इस अवसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके पराक्रम को याद करते हुए अपनी श्रद्धांजलि...

शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती आज, पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, सीएम योगी ने किया नमन
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्ली।Mon, 28 Sep 2020 09:29 AM
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देश को स्वतंत्रता दिलाने में अग्रणी भूमिक निभाने वाली महान क्रांतिकारी शहीद ए आजम भगत सिंह की आज जयंती है। इस अवसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके पराक्रम को याद करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने मन की बात कार्यक्रम का एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, 'मां भारती के वीर सपूत अमर शहीद भगत सिंह की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। वीरता और पराक्रम की उनकी गाथा देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करती रहेगी।'

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें याद करते हुए कहा, 'अपने परिवर्तनकारी विचारों व अद्वितीय त्याग से स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा देने वाले और देश के युवाओं में स्वाधीनता के संकल्प को जागृत करने वाले शहीद भगत सिंह जी के चरणों में कोटि-कोटि वंदन। भगत सिंह जी युगों-युगों तक हम सभी देशवासियों के प्रेरणा के अक्षुण स्त्रोत रहेंगे।'

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगत सिंह को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, 'राष्ट्र नायक, विलक्षण चिंतक, अभिजात देशभक्त, अमर स्वाधीनता संग्राम सेनानी, शहीद शिरोमणि भगत सिंह जी को उनकी पावन जयंती पर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से कोटिशः नमन। क्रांति की ओजस्विता को वैचारिक धरातल प्रदान करने वाला आपका त्यागमयी जीवन समूचे राष्ट्र के लिए प्रेरणा है।'

'मन की बात' में पीएम मोदी ने किया था भगत सिंह को याद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि आज के युवा भले ही शहीद-ए-आजम भगत सिंह की तरह न बन पायें लेकिन उनकी तरह देश प्रेम का जज्बा दिल में होना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मोदी ने कहा कि 101 साल पहले वर्ष 1919 में जलियांवाला बाग़ में अंग्रेजों ने जिस प्रकार निदोर्ष लोगों का कत्लेआम किया था उसे देखकर 12 साल का एक खुशमिज़ाज और चंचल बालक यह सोचकर स्तब्ध रह गया कि कोई इतना निर्दयी कैसे हो सकता है। वह मासूम गुस्से की आग में जलने लगा था। उसी जलियांवाला बाग़ में उसने अंग्रेजी शासन के खिलाफ़ लड़ने की कसम खायी।

उन्होंने कहा “हाँं, मैं शहीद वीर भगतसिंह की बात कर रहा हूं। कल 28 सितम्बर को हम उनकी जयन्ती मनायेंगे। मैं समस्त देशवासियों के साथ साहस और वीरता की प्रतिमूर्ति शहीद वीर भगतसिंह को नमन करता हूँ। एक हुकूमत जिसका दुनिया के इतने बड़े हिस्से पर शासन था, जिनके बारे में कहा जाता था कि उनके शासन में सूर्य कभी अस्त नहीं होता, इतनी ताकतवर हुकूमत एक 23 साल के युवक से भयभीत हो गयी थी।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के युवा भगत सिंह बन पायें या ना बन पायें, लेकिन भगत सिंह जैसा देश प्रेम, देश के लिये कुछ कर-गुजरने का ज़ज्बा जरूर हम सबके दिलों में हो। शहीद भगत सिंह को यही हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी।

भगत सिंह को एक पराक्रमी देशभक्त के साथ विद्वान और चिंतक बताते हुये उन्होंने कहा कि उन्होंने और उनके क्रांतिवीर साथियों ने अपने जीवन की चिंता किये बगैर ऐसे साहसिक कायोर्ं को अंजाम दिया, जिनका देश की आज़ादी में बहुत बड़ा योगदान रहा। उनके जीवन का एक और खूबसूरत पहलू यह है कि वह मिलकर काम करने के महत्व को बख़ूबी समझते थे। लाला लाजपतराय के प्रति उनका समर्पण हो या फिर चंद्रशेखर आज़ाद, सुखदेव, राजगुरु समेत क्रांतिकारियों के साथ उनका जुड़ाव, उनके लिये कभी व्यक्तिगत गौरव महत्वपूर्ण नहीं रहा। वे जब तक जिये सिर्फ एक लक्ष्य के लिए जिये और उसी के लिये उन्होंने अपना बलिदान दे दिया। वह लक्ष्य था भारत को अन्याय और अंग्रेजी शासन से मुक्ति दिलाना।

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