एक और विरोध प्रदर्शन से पहले केंद्र ने कहा, कृषि कानूनों पर बातचीत के लिए तैयार

नए कृषि कानूनों के खिलाफ इस माह के अंत तक एक और विरोध प्रदर्शन की किसान संगठनों की योजना से पहले केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि ये कानून किसानों के हित में लाए गए है पर उनके मन में अब भी कोई आशंका...

offline
एक और विरोध प्रदर्शन से पहले केंद्र ने कहा, कृषि कानूनों पर बातचीत के लिए तैयार
Ashutosh Ray एजेंसी , नई दिल्ली
Sat, 7 Nov 2020 9:57 PM

नए कृषि कानूनों के खिलाफ इस माह के अंत तक एक और विरोध प्रदर्शन की किसान संगठनों की योजना से पहले केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि ये कानून किसानों के हित में लाए गए है पर उनके मन में अब भी कोई आशंका है तो वह उन शंकाओं को दूर करने के लिए उनके साथ संवाद करने को तैयार है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार ने यह कानून किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम दिलाने के लिए और विकल्प उपलब्ध कराने को लाया है, लेकिन पंजाब जैसे राज्य इस मामले में किसानों को गुमराह कर रहे हैं।

संसद के सितंबर में इन तीन कानूनों को पारित करने के बाद से कांग्रेस शासित राजस्थान, छत्तीसगढ और पंजाब में किसान इनका विरोध कर रहे हैं। इन तीनों राज्यों ने केंद्र के कानून को निष्प्रभावी बनाने के लिए अपने कानून लाए हैं। तोमर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, यदि वे (विपक्षी दल) इसे किसानों के नजरिए से देखेंगे जो वह इसमें किसानों के लाभ को देख पाएंगे। यदि वह इसे राजनीति के चश्मे से देखेंगे तो उन्हें लाभ नजर नहीं आएगा।

उन्होंने दोहराया कि किसानों को अधिसूचित फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलता रहेगा और सरकारी खरीद केंद्र काम करते रहेंगे। उन्होंने आरोप लगाया, विपक्ष झूठ और गलत सूचना फैला रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब में चालू खरीफ की खरीद में पिछले साल के मुकाबले 27 प्रतिशत अधिक खरीद हुई है और यह केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है। उन्होंने कहा कि छह नवंबर 2020 तक पंजाब अकेले में 169 लाख टन धान की खरीद की गई है।

उनके साथ मौजूद केंद्रीय वाणिज्य व रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी स्पष्ट किया, सरकार के दरवाजे बातचीत के लिए हमेशा खुले हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गोयल ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से फोन पर भी बातचीत की और उनसे किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया।

तोमर ने बताया कि पिछले छह वर्षों में धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उनके मुताबिक वर्ष 2013-14 में धान की एमएसपी 1310 रुपये प्रति क्विंटल थी जबकि 2020-2021 में यह बढ़कर 1868 हो गई। उन्होंने बताया, मोदी सरकार में कृषि उपज के साथ-साथ खरीद केंद्रों की संख्या भी बढ़ी है। वर्ष 2013-2014 के मुकाबले चालू मौसम में पंजाब और हरियाणा समेत पूरे देश में धान की खरदी दोगुने से भी जयादा हो रही है। सिर्फ पंजाब में चालू खरीफ मौसम में छह नवंबर तक पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 27 प्रतिशत अधिक खरीदी हुई है।

उन्होंने कहा कि 2013-14 के मुकाबले पंजाब में धान के खरीद केंद्रों की संख्या भी दोगुनी हो गई है। उन्होंने बताया, पिछले छह वर्षों में पंजाब और हरियाणा में धान खरीद के लिए किया जा रहा भुगतान भी दोगुना हो गया है। इस दौरान दोनों राज्यों में गेहूं खरीद केंद्रों की संख्या भी चार गुनी हो गई। तोमर ने बताया कि कृषि सुधार की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से न सिर्फ किसानों की आय बढ़ी है बल्कि इससे उनके जीवन में भी समृद्धि आई है।

मालूम हो कि पंजाब में नए कृषि कानूनों को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इसके चलते किसानों ने रेल की पटरियों पर चक्का जाम किया हुआ है और राज्य में 24 सितंबर से ट्रेनों का परिचालन बंद है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि पिछले छह सालों में दलहन की खरीदी में 74 गुना और तिलहन की खरीदी में लगभग 10 गुना की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, कृषि सुधार कानूनों के आने के बाद खरीफ फसलों की खरीदी के लिए सुचारू व्यवस्था बनाई गई है। अभी तक धान की 236 लाख टन की खरीदी कर ली गई है जो इस अवधि में पिछले वर्ष 197 लाख टन थी। यह पिछले वर्ष से 21 प्रतिशत अधिक है।

हमें फॉलो करें
ऐप पर पढ़ें

देश की अगली ख़बर पढ़ें
Agriculture Law Punjab Agricultural Law Farmer Protests Rajasthan Farmers Protest
होमफोटोवीडियोफटाफट खबरेंएजुकेशनट्रेंडिंग ख़बरें