देश में प्याज की कीमतों पर अंकुश के लिए सरकार कई स्तरों पर कोशिश कर रही है। सूत्रों के मुताबिक इसके तहत प्याज के निर्यात पर रोक को फरवरी तक बढ़ाया जा सकता है। सितंबर से ही प्याज के निर्यात पर रोक लगी हुई है जबकि आयात के नियमों को भी सरल किया गया है।
प्याज के निर्यात पर रोक के बाद भी अक्तूबर से अब तक ब्याज की कीमतों में काफी तेजी गई है। फिलहाल, कई जगह खुदरा बाजार में प्याज 60 रुपये किलो से ऊपर चल रहा है। दिल्ली में एक हफ्ते पहले तक फुटकर में प्याज का भाव 100 रुपये तक पहुंच गया था। हालांकि, सरकार के विभिन्न उपाय करने के बाद कीमतों में थोड़ी नरमी आई है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि देश में प्याज की किल्लत और महंगाई के बीच कुछ निजी व्यापारियों ने इसके आयात के लिए ऑर्डर दे दिया हैं और इसी महीने के अंत तक बाहर से कम से कम एक हजार टन प्याज आने की उम्मीद है। इससे प्याज के बाजार की गर्मी शांत करने में मदद मिलने की उममीद है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्याज कारोबारियों ने सरकार को बताया कि उन्होंने थोड़ी मात्रा में प्याज का आयात किया है। कारोबारियों को उम्मीद है कि उनके ऑर्डर पर एक हजार टन प्याज इस महीने के अंत तक और कुछ अन्य खेप अगले महीने तक देश में आ जाएगी। प्याज की आपूर्ति बढ़ने से दाम घटने की उम्मीद है।
अधिकारी ने कहा कि सरकार की ओर से आयातित प्याज के मामले में आयातित कृषि उत्पाद के धूम्र-उपचार संबंधी नियमों में ढील की समयसीमा को बढ़ाकर 31 दिसंबर करने से प्याज के आयात में आसानी होगी। प्याज की उपलब्धता को बेहतर बनाने और मूल्य पर अंकुश लगाने के लिए सरकार निजी और सार्वजनिक एजेंसियों के माध्यम से प्याज आयात की सुविधा प्रदान कर रही है। सरकार ने सरकारी स्वामित्व वाली व्यापार कंपनी एमएमटीसी के जरिए एक लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला किया है। एमएमटीसी ने हाल ही में 4,000 टन प्याज के आयात के लिए बोलियां अमंत्रित की थीं।
रुला रहा प्याज
01 लाख टन प्याज आयात के लिए एमएमटीसी को जिम्मेदारी
60 रुपये किलो बिक रहा प्याज देश के कई शहरों में
40 रुपये प्रति किलो थोक बाजार में बिक रहा प्याज
1000 टन आयातित प्याज इस माह अंत तक पहुंचने की उम्मीद
फसल नुकसान होने से बढ़ीं मुश्किलें
बाढ़ और सूखे की वजह से इस साल खरीफ (गर्मी) के मौसम में प्याज उत्पादन में 30-40 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। देश में सबसे अधिक प्याज का उत्पादन करने वाले महाराष्ट्र में फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। इससे प्याज के दाम चढ़े हुए हैं।
निर्यातक से आयातक बना भारत
भारत दुनिया में प्याज के सबसे बड़े निर्यातकों में है। बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका सहित कई देशों में भारत प्याज का निर्यात करता है। फसल खराब होने और कीमतों पर अंकुश के लिए भारत ने प्याज निर्यात पर रोक के साथ दूसरे देशों से प्याज खरीद रहा है। इससे नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देशों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं।
सरकार को प्याज का भी धान-गेहूं और दलहन की तरह न्यूनतम समथर्न मूल्य (एमएसपी) तय कर देना चाहिए। इससे कीमतों में अचानक तेज वृद्धि रुक सकती है। साथ ही किसानों को भी फसल का उचित मूल्य मिलेगा।
-राजेन्द्र शर्मा,महासचिव, आजादपुर मंडी