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जीएसएलवी मार्क 3: जानिए कौन है इसरो का शरारती और आज्ञाकारी लड़का

भारत के सबसे ताकतवर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल GSLV मार्क 3 डी-1 की सफल उड़ान से एक बार फिर अंतरिक्ष तकनीक की दुनिया में इसरो की धमक साफ सुनायी दे रही है। विदेश में भी इसरो की इस उपलब्धि की चर्चा हो रही...

जीएसएलवी मार्क 3: जानिए कौन है इसरो का शरारती और आज्ञाकारी लड़का
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीTue, 06 Jun 2017 11:22 AM
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भारत के सबसे ताकतवर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल GSLV मार्क 3 डी-1 की सफल उड़ान से एक बार फिर अंतरिक्ष तकनीक की दुनिया में इसरो की धमक साफ सुनायी दे रही है। विदेश में भी इसरो की इस उपलब्धि की चर्चा हो रही है। 

200 हाथियों के बराबर वजन के कारण GSLV मार्क 3 डी-1 को फैट बॉय कहा जा रहा है। इसका वजन 630 टन और ऊंचाई करीब 42 मीटर है। 

जीएसएलवी मार्क 3 की सफलता के बाद वैज्ञानिक इसे "बाहुबली" नाम दे रहे हैं तो कोई इसे इसरो के "आज्ञाकारी बच्चे" की संज्ञा दे रहा है। 

स्पेस एप्लिकेशन्स सेंटर के डायरेक्टर तपन मिश्रा का कहना है कि यह कहने में गर्व हो रहा है कि इसरो ने "बाहुबली" को जन्म दिया है।

इस प्रोजेक्ट से जुड़े एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि यह इसरो का स्मार्ट और सबसे "आज्ञाकारी लड़का" है। आज की सफलता से भारत ने जटिल क्रायोजेनिक तकनीक में महारत हासिल कर ली है और उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है, जिनके पास यह तकनीक है।

सबसे बड़ी बात यह है कि यह रॉकेट अपनी पहली उड़ान में सफल रहा है इसलिए इसे "आज्ञाकारी लड़का" कहा जा रहा है। 

आपको बता दें कि भूस्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 2 दो टन वर्ग के उपग्रहों को प्रक्षेपित कर सकता है और बार—बार इसकी असफलता के कारण इसे इसरो का "शरारती लड़का" कहा जाता है।

जानें क्या है क्रायोजेनिक तकनीक
क्रायोजेनिक इंजन में इस्तेमाल होने वाली पेचीदा तकनीक है। क्रायोजेनिक इंजन शून्य से बहुत नीचे यानी क्रायोजेनिक तापमान पर काम करते हैं। माइनस 238 डिग्री फॉरेनहाइट (-238'F) को क्रायोजेनिक तापमान कहा जाता है। इस तापमान पर क्रायोजेनिक इंजन का ईंधन ऑक्सीजन और हाइड्रोजन गैसें तरल यानी लिक्विड बन जाती हैं। लिक्विड ऑक्सीजन और लिक्विड हाइड्रोजन को क्रायोजेनिक इंजन में जलाया जाता है। लिक्विड ईंधन जलने से इतनी ऊर्जा पैदा होती है जिससे क्रायोजेनिक इंजन को 4.4 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार मिल जाती है।

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