Hindi Newsदेश न्यूज़Ayodhya Mandir Ramlala darshan can be seen in NCERT books proposal to include Ramayana in the books - India Hindi News

NCERT की किताबों में हो सकते हैं रामलला के दर्शन, रामायण के बारे में पढ़ाने का प्रस्ताव

अगर समिति का प्रस्ताव स्वीकार कर होता है, तो राम से जुड़े अध्याय किताबों में आ सकते हैं। खास बात है कि समिति इससे पहले देश के नाम के लिए 'भारत' का इस्तेमाल करने की सिफारिश भी कर चुकी है।

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 21 Nov 2023 09:57 AM
share Share
Follow Us on
NCERT की किताबों में हो सकते हैं रामलला के दर्शन, रामायण के बारे में पढ़ाने का प्रस्ताव

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का इंतजार जारी है। इसी बीच खबर है कि NCERT यानी राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद अपनी किताबों में राम को लेकर कई चैप्टर शामिल कर सकता है। इसमें उनके राजा बनने से लेकर वनवास और कई अन्य टॉपिक्स शामिल किए जा सकते हैं। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। कहा जा रहा है कि उच्च स्तरीय समिति ने इसकी सिफारिश की है।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, NCERT की तरफ से गठित उच्च स्तरीय समिति का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है, तो राम से जुड़े अध्याय किताबों में आ सकते हैं। खास बात है कि समिति इससे पहले देश के नाम के लिए 'भारत' का इस्तेमाल करने की सिफारिश भी कर चुकी है। सिफारिशों में समिति ने कहा था कि शास्त्रीय इतिहास में वेद, वैदिक युग, रामायण के जरूरी अंश और राजा के तौर पर राम की यात्रा को भी शामिल किया जाना चाहिए।

भारत पर क्या बोली थी समिति
इससे पहले समिति के अध्यक्ष सीआई आइजैक ने कहा, 'इंडिया शब्द का आमतौर पर इस्तेमाल ईस्ट इंडिया कंपनी और 1757 के प्लासी के युद्ध के बाद होना शुरू हुआ था। जबकि, भारत का जिक्र विष्णु पुराण जैसे प्राचीन लेखों में मिलता है, जो 7 हजार साल पुराने हैं। ऐसे में समिति ने आम सहमति से सिफारिश की है कि सभी कक्षाओं की किताबों में भारत के नाम का इस्तेमाल होना चाहिए।'

उन्होंने बताया, 'अंग्रेजों ने भारतीय इतिहास को प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक में बांटा है। अब एंशिएंट का मतलब प्राचीन होता है। वो दिखाता है कि देश अंधेरे में था, जैसे कि उसमें कोई वैज्ञानिक जागरूकता थी ही नहीं। सौर मंडल पर आर्यभट्ट के काम समेत ऐसे कई उदाहरण भी हैं। हमने सुझाव दिया है कि मध्यकाल और आधुनिक के साथ-साथ क्लासिकल हिस्ट्री को पढ़ाया जाना चाहिए।'

अगला लेखऐप पर पढ़ें