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SC में इन 5 जजों ने 40 दिनों में पूरी की अयोध्या विवाद की सुनवाई, जानें कौन हैं वो

अयोध्या विवाद की 40 दिनों से चल रही मैराथन सुनवाई आज 16 अक्टूबर को पूरी गई। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई पांच जजों की बेंच ने की। सुनवाई के आखिरी दिन मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने बुधवार...

SC में इन 5 जजों ने 40 दिनों में पूरी की अयोध्या विवाद की सुनवाई, जानें कौन हैं वो
लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्ली।Wed, 16 Oct 2019 05:42 PM
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अयोध्या विवाद की 40 दिनों से चल रही मैराथन सुनवाई आज 16 अक्टूबर को पूरी गई। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई पांच जजों की बेंच ने की। सुनवाई के आखिरी दिन मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने बुधवार को नक्शा और दस्तावेज फाड़ डाले। केस की सुनवाई कर रहे पांच जजों की बेंच के समक्ष ऑल इंडिया हिन्दू महासभा के वकील विकास कुमार सिंह ने कुणाल किशोर की पुस्तक 'अयोध्या रीविजिटेड' पेश किए।

धवन ने इस पर आपत्ति जताई, और न्यायालय से आग्रह किया कि इस पुस्तक को रिकॉर्ड में नहीं लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक हाल ही में लिखी गई है और इसे साक्ष्य के रूप में नहीं लिया जा सकता। सिंह ने फिर एक नक्शा का हवाला दिया, और इसे तय नियमों के तहत मुस्लिम पक्ष के वकील को भी सौंपा। धवन ने उस नक्शे को फ़ाड़ दिया। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने नाराजगी भरे लहजे में उन्हें कहा, “कुछ और भी फाड़ दीजिए।” इसपर धवन ने और भी दस्तावेज फ़ाड़ दिए।  मुख्य न्यायाधीश ने कहा,“यदि ऐसे ही चलता रहा तो हम उठकर चले जाएंगे।”

अयोध्या मामले में सुनवाई पूरी, सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद की सुनवाई पांच जजों की बेंच ने की। इस बेंच में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर हैं। आइए जानते हैं इन जजों के बारे में-

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई

  • 18 नवंबर 1954 को जन्म 
  • 1978 में इन्होंने बार काउंसिल की सदस्यता ग्रहण की। आपके वकालत का अधिकांश समय गुवाहाटी हाईकोर्ट में बीता। 
  • 28 फरवरी 2001 को गुवाहाटी हाईकोर्ट में स्थायी जज के तौर पर नियुक्ति।
  • 9 सितंबर 2010 को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में स्थानांतरण।
  • 12 फरवरी 2011 को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त। 
  • 23 अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त।
  • 03 अक्तूबर 2018 को देश के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त। 
  • 15 नवंबर 2019 को सेवानिवृत्त होंगे। 

न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोब्डे

  • 24 अप्रैल, 1956 को नागपुर में जन्म।
  • नागपुर विश्वविद्यालय से बी.ए. और एलएलबी किया।
  • 1978 में महाराष्ट्र बार काउंसिल के सदस्य बने। 
  • 21 वर्षों तक बंबई हाईकोर्ट, इसकी नागपुर पीठ और सुप्रीम कोर्ट में वकालत की।
  • 1998 में वरिष्ठ अधिवक्ता बने। 
  • 29 मार्च 2000 बंबई हाईकोर्ट की पीठ में अतिरिक्त जज के रूप में नियुक्त।
  • 16 अक्तूबर 2012 को मध्य हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त। 
  • 12 अप्रैल 2013 में सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त। 
  • 23 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त होंगे। 

न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़

  • 11 नवंबर 1959 को जन्म।
  • नई दिल्ली के सेंट स्टेफंस कॉलेज से बी.ए., दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी।
  • हार्वर्ड लॉ स्कूल, अमेरिका से जूडिशियल साइंसेंज में एलएलएम और डॉक्टरेट। 
  • दुनिया भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों में व्याख्यान, विजिटिंड प्रोफेसर।
  • 1998 जून से बंबई हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता के तौर पर वकालत। 
  • 1998 में अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल। 
  • 29 मार्च 2000 को बंबई हाईकोर्ट में जज नियुक्त।
  • 31 अक्तूबर 2013 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश नियुक्त।
  • 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त।
  • 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्ति।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण

  • 5 जुलाई 1956 को जन्म।
  • 1975 में बैचलर ऑफ आर्ट्स से ग्रेजुएशन करने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 1979 में लॉ पूरा किया।
  • 6 अप्रैल 1979 को बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के साथ दाखिला लेकर वकालत से अपने करियर की शुरुआत की और बेंच की ऊंचाई तक इलाहाबाद हाई कोर्ट में सिविल और मूल पक्ष में अभ्यास शुरू किया।
  • इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक वकील के रूप में अभ्यास करते हुए, उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय जैसे विभिन्न संस्थानों के लिए स्थायी वकील के रूप में काम किया।
  • 24 अप्रैल 2001 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के स्थायी न्यायाधीश के रूप में उच्चतर न्यायिक सेवा समिति के अध्यक्ष के रूप में काम किया। इसके अलावा कई अन्य समितियों का नेतृत्व किया।
  • उन्हें 10 जुलाई 2014 को केरल के हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। 1 अगस्त 2014 को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला और 26 मार्च 2015 को मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला।
  • 13 मई 2016 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।

न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर

  • 5 जनवरी 1958 में जन्म।
  • मुडेबिद्री के महावीर कॉलेज में अपनी बी.कॉम की डिग्री पूरी करने के बाद की उन्होंने एसडीएम लॉ कॉलेज, कोडियालबेल, मंगलुरु से लॉ की डिग्री प्राप्त की।
  • 1983 में एक वकील के रूप में उन्होंने दाखिला लिया और बेंगलुरु में कर्नाटक उच्च न्यायालय में अभ्यास किया।
  • मई 2003 में, उन्हें कर्नाटक हाई कोर्ट के एक अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। बाद में उन्हें यहीं का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
  • कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य करते हुए फरवरी 2017 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया।
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