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Ayodhya Case: SC में 10वें दिन सुनवाई जारी, जानें पिछली सुनवाइयों में क्या हुआ

Ayodhya Case Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में गुरुवार को 10वें दिन सुनवाई आरंभ की। इस दौरान मूल याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील ने विवादित स्थल में पूजा करने का उसका...

Ayodhya Case: SC में 10वें दिन सुनवाई जारी, जानें पिछली सुनवाइयों में क्या हुआ
लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 22 Aug 2019 12:09 PM
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Ayodhya Case Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में गुरुवार को 10वें दिन सुनवाई आरंभ की। इस दौरान मूल याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील ने विवादित स्थल में पूजा करने का उसका अधिकार लागू किए जाने का अनुरोध किया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय पीठ ने मालिकाना हक मामले की सुनवाई शुरू की।

मूल याचिकाकर्ताओं में शामिल गोपाल सिंह विशारद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने पीठ के समक्ष दलीलें आरंभ कीं। चार दीवानी मामलों में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में 14 याचिकाएं दायर की गई हैं। उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि अयोध्या की 2.77 एकड़ भूमि को तीन पक्षों - सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच समान रूप से बांटा जाए। दक्षिण पंथी कार्यकर्ताओं ने छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिरा दी थी जिसके बाद से लंबी कानूनी लड़ाई आरंभ हुई।

जानिए अब तक पिछले 9 दिनों की सुनवाई में क्या हुआ:

नौवें दिन की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को रामजन्मभूमि विवाद पर सुनवाई के नौवें दिन रामजन्म पुनरोद्धार समिति के वकील पीएन मिश्रा ने कहा कि अथर्व वेद में अयोध्या की पवित्रता का जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि अयोध्या में एक मंदिर है, जिसमें पूजा करने से मुक्ति मिलती है। इस पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि अयोध्या की पवित्रता पर कोई संदेह नहीं। आप विवादित स्थल के ही जनस्थान होने के साक्ष्य पेश करें।

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आठवें दिन की सुनवाई

आठवें दिन की सुनवाई के दौरान 'राम लला विराजमान के वकील ने एएसआई की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि अयोध्या में मस्जिद का निर्माण करने के लिए हिंदू मंदिर गिराया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता सी.एस वैद्यनाथन ने अदालत में कहा कि 'एएसआई की रिपोर्ट में मगरमच्छ और कछुए की आकृतियों का जिक्र है, जिसका मुस्लिम संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं है।

सातवें दिन की सुनवाई

सातवें दिन की सुनवाई के दौरान राम लला विराजमान की ओर से दलील दी गयी कि विवादित स्थल पर देवताओं की अनेक आकृतियां मिली हैं। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ से 'राम लला विराजमान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने अपनी दलीलों के समर्थन में विवादित स्थल का निरीक्षण करने के लिये अदालत द्वारा नियुक्त कमिश्नर की रिपोर्ट के अंश पढ़े। 

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छठे दिन की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में छठे दिन राम लला विराजमान के वकील ने कहा कि हिंदुओं का विश्वास है कि अयोध्या भगवान राम का जन्म स्थान है और न्यायालय को इसके तर्कसंगत होने की जांच के लिये इसके आगे नहीं जाना चाहिए। राम लला विराजमान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष आगे दलीलें पेश कीं। वैद्यनाथन ने पीठ से कहा, 'हिंदुओं का विश्वास है कि अयोध्या भगवान राम का जन्म स्थान है और न्यायालय को इसके आगे जाकर यह नहीं देखना चाहिए कि यह कितना तार्किक है। वरिष्ठ अधिवक्ता ने मंगलवार को न्यायालय को बताया था कि भगवान राम की जन्मस्थली अपने आप में देवता है और मुस्लिम 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर अधिकार होने का दावा नहीं कर सकते क्योंकि संपत्ति को बांटना ईश्वर को 'नष्ट करने और उसका 'भंजन करने के समान होगा।'

पांचवें दिन की सुनवाई

पांचवें दिन की सुनवाई के दौरान मंगलवार को इस मुद्दे पर बहस शुरू हुयी कि क्या इस विवादित स्थल पर पहले कोई मंदिर था। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष रामलला विराजमान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने मस्जिद के निर्माण होने से पहले इस विवादित स्थल पर कोई मंदिर होने संबंधी सवाल पर बहस शुरू की। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने तीन न्यायाधीशों की पीठ अपने फैसले में कहा है कि विवादित स्थल पर मंदिर था।

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चौथे दिन की सुनवाई

अयोध्या रामजन्म भूमि विवाद में सुनवाई महत्वपूर्ण दौर में पहुंच गई है। उच्चतम न्यायालय में बुधवार को हुई सुनवाई में इसकी तस्दीक की गई कि विवादित स्थल पर ढांचे को तोड़कर निर्माण किया गया। मस्जिद पहले से वहां नहीं थी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच जजों की पीठ में जस्टिस एसए बोब्डे ने कहा, इसमें कोई विवाद नहीं है कि जन्मस्थान पर विध्वंस और निर्माण हुआ। यहां पर मस्जिद बनी। पीठ ने यह टिप्पणी तब कि जब रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन ने बताया कि 1945 में शिया वक्फ बोर्ड ने सुन्नी बोर्ड के खिलाफ जिला अदालत में मुकदमा दर्ज किया था। 

तीसरे दिन की सुनवाई

अयोध्या मामले में तीसरे दिन की सुनवाई आठ अगस्त को हुई थी। बेंच ने पूछा कि एक देवता के जन्मस्थल को न्याय पाने का इच्छुक कैसे माना जाए, जो इस केस में पक्षकार भी हो। इस पर वकील ने कहा था कि हिंदू धर्म में किसी स्थान को पवित्र मानने और पूजा करने के लिए मूर्तियों की जरूरत नहीं है।

दूसरे दिन की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में सुनवाई के दूसरे दिन दौरान निर्मोही अखाड़े से जानना चाहा कि विवादित स्थल पर अपना कब्जा साबित करने के लिये क्या उसके पास कोई राजस्व रिकार्ड और मौखिक साक्ष्य है। इस पर निर्मोही अखाड़े ने कहा कि उसके पास रामजन्मभूमि के स्वामित्व का कोई सबूत नहीं है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े से पूछा कि क्या 'क्या आपके पास मौखिक या दस्तावेजी साक्ष्य हैं या कुर्की से पहले रामजन्मभूमि के कब्जे का राजस्व रिकॉर्ड?' इस पर पांच सदस्यी बेंच के समझ अखाड़ा ने कहा कि साल 1982 में डकैती हुई थी, जिसमें हमने सारे रिकॉर्ड खो दिए।'

पहले दिन की सुनवाई

6 अगस्त को शुरू हुई रोजाना सुनवाई के पहले दिन निर्मोही अखाड़ा ने 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर अपना दावा किया था। उन्होंने कहा कि पूरी विवादित भूमि पर 1934 से ही मुसलमानों को प्रवेश की मनाही है।

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