ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशअयोध्या केस ब्रिटिश शासकों ने 1859 में दी थी प्रार्थना करने की अनुमति

अयोध्या केस ब्रिटिश शासकों ने 1859 में दी थी प्रार्थना करने की अनुमति

अयोध्या में 1859 में ब्रिटिश शासकों ने विवादित स्थल पर बाड़ लगा दी और परिसर के भीतरी हिस्से में मुसलमानों को और बाहरी हिस्से में हिन्दुओं को प्रार्थना करने की अनुमति दी थी। इससे पहले अयोध्या विवाद...

अयोध्या केस ब्रिटिश शासकों ने 1859 में दी थी प्रार्थना करने की अनुमति
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 08 Nov 2019 10:04 PM
ऐप पर पढ़ें

अयोध्या में 1859 में ब्रिटिश शासकों ने विवादित स्थल पर बाड़ लगा दी और परिसर के भीतरी हिस्से में मुसलमानों को और बाहरी हिस्से में हिन्दुओं को प्रार्थना करने की अनुमति दी थी। इससे पहले अयोध्या विवाद में पहली बार हिंसा 1853 में हुई और कुछ सालों में ही मामला गहरा गया। 1885 में विवाद पहली बार जिला न्यायालय पहुंचा। 

निर्मोही अखाड़े के महंत रघुबर दास ने फैजाबाद कोर्ट में मस्जिद परिसर में मंदिर बनवाने की अपील की पर कोर्ट ने मांग खारिज कर दी। इसके बाद सालों तक यह मामला चलता रहा है। 1934 फिर दंगे हुए और मस्जिद की दीवार और गुंबदों को नुकसान पहुंचा। 

ब्रिटिश सरकार ने दीवार और गुंबदों को फिर से बनवाया। कहा जाता है कि 1949 में मस्जिद में श्रीराम की मूर्ति मिली। इस पर विरोध व्यक्त किया गया और मस्जिद में नमाज पढ़ना बंद कर दिया गया। फिर दोनों पक्षों ने लोग कोर्ट पहुंच गए। इसपर सरकार ने इस स्थल को विवादित घोषित कर ताला लगवाया दिया।

अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद मामले में 40 दिन तक लगातार दलीलें सुनने के बाद उच्चतम न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मुद्दे पर 9 नवंबर से फैसला आएगा। सर्वोच्च अदालत का फैसला आने के बाद 160 साल से भी ज्यादा पुराने समय से चल रहे इस ऐतिहासिक मुकदमे का समाधान हो जाने की उम्मीद है।
 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें