भ्रमित करने वाले आरटीआई आवेदनों से बचें तो लंबित कार्य और बोझ कम होगा : जितेंद्र सिंह
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि दोहराव वाले और भ्रमित करने वाले आरटीआई आवेदनों से अगर बचा जाए तो लंबित कार्य और काम के बोझ में कमी आएगी जबकि कार्यकुशलता बढ़ेगी। आधिकारिक विज्ञप्ति...
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि दोहराव वाले और भ्रमित करने वाले आरटीआई आवेदनों से अगर बचा जाए तो लंबित कार्य और काम के बोझ में कमी आएगी जबकि कार्यकुशलता बढ़ेगी। आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंह ने रेखांकित किया कि लगभग सभी सूचनाएं सार्वजनिक मंच पर उपलब्ध है और उन्होंने सलाह दी कि सूचना अधिकारियों को सूचना के अधिकार (आरटीआई)के तहत मांगी गई परिहार्य सूचना से बचने पर विचार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी के बावजूद आरटीआई आवेदनों को निपटाने की दर प्रभावित नहीं हुई है बल्कि एक निश्चित समय में आवेदनों को निपटाने की दर सामान्य से अधिक रही है। केंद्रीय सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्तों की बैठक को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि वर्ष 2014 में जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है पारदर्शिता और नागरिक केंद्रित कदम शासन की पहचान बन गई है।
कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक सिंह ने कहा कि गत छह साल में हर फैसला सूचना आयोग की स्वतंत्रता और संसाधन को मजबूत करने के लिए लिया गया और सभी रिक्तियां यथाशीघ्र भरी गई। सिंह ने कहा कि महामारी के बावजूद नवगठित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के आवेदनों पर 15 मई से ऑनलाइन माध्यम से कार्यवाही की शुरुआत करने का श्रेय सीआईसी और उनके पदाधिकारियों को जाता है।
मंत्री ने कहा कि अब कोई भी भारतीय नगारिक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकता है जबकि जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन कानून 2019 से पहले केवल इसी राज्य लोगों को यह अधिकार प्राप्त था। मुख्य चुनाव आयुक्त बिमल जुल्का ने कहा कि आयोग लॉकडाउन और उसके बाद भी प्रभावी तरीके से संवाद और लोगों तक पहुंचने के कार्य को जारी रखे हुए है।