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देश में हर दिन 77 महिलाओं की लूटी गई इज्जत, 2020 में बलात्कार के 28000 से अधिक मामले; राजस्थान टॉप पर

भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध में मामूली गिरावट देखने को मिली है। खासकर रेप जैसी घटनाओं पर विराम तो नहीं लग पाया है, लेकिन क्राइम कम जरूर हुआ है। बुधवार को नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर...

देश में हर दिन 77 महिलाओं की लूटी गई इज्जत, 2020 में बलात्कार के 28000 से अधिक मामले; राजस्थान टॉप पर
पीटीआई,नई दिल्लीWed, 15 Sep 2021 04:53 PM

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भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध में मामूली गिरावट देखने को मिली है। खासकर रेप जैसी घटनाओं पर विराम तो नहीं लग पाया है, लेकिन क्राइम कम जरूर हुआ है। बुधवार को नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2020 में हर दिन औसतन भारत भर में बलात्कार के लगभग 77 मामले दर्ज किए गए। वहीं, पूरे एक साल की बात करें तो रेप का कुल 28,046 ऐसी घटनाएं हुईं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले एनसीआरबी ने कहा है कि कुल मिलाकर, पिछले साल देश भर में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,71,503 मामले दर्ज किए गए, 2019 में 4,05,326 और 2018 में 3,78,236 मामले दर्ज किए गए थे। 2020 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के कुल मामलों में से 28,046 बलात्कार की घटनाएं हुईं। 

कुल पीड़ितों में से, 25,498 वयस्क थे, जबकि 2,655 की उम्र 18 साल से कम थी। वहीं, पिछले कुछ सालों की बात करें तो 2019 में 32033, साल 2018 में 33356 और साल 2017 में 32557 मामले सामने आए थे। वहीं, साल 2016 में बलात्कार के 38947 मामले सामने आए थे। 

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की बात करें तो साल 2020 में बलात्कार के मामले में राजस्थान पहले नंबर पर रहा है। राजस्थान में बलात्कार के सबसे अधिक 5,310 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद उत्तर प्रदेश (2,769), मध्य प्रदेश (2,339), महाराष्ट्र (2,061) और असम (1,657) हैं। 

वहीं, राजधानी दिल्ली की बात करें तो पिछले साल यहां रेप की 997 मामले दर्ज किए गए। एनसीआरबी के आंकड़ों में बताया गया है कि साल 2020 के दौरान देश भर में एसिड अटैक के 105 मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा दहेज उत्पीड़न से होने वाली मौतों के 6,966 मामले दर्ज किए गए थे।

बता दें कि देश में कोविड-19 की पहली लहर के दौरान 23 मार्च से 31 मई, 2020 तक पूर्ण लॉकडाउन था जिसके चलते सार्वजनिक स्थलों पर आवाजाही बहुत सीमित थी। रिपोर्ट में कहा गया कि महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराधों, चोरी, सेंधमारी, डकैती और लूट के तहत दर्ज मामलों में कमी आई

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