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लाखों नौकरियों पर मंडरा रहे संकट के बादल, वाहन कंपनियों ने सरकार को चेताया

भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियों ने गुरुवार को केंद्र से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती की मांग की, ताकि वाहनों की बिक्री में आई कमी को रोका जा सके। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर इसमें...

लाखों नौकरियों पर मंडरा रहे संकट के बादल, वाहन कंपनियों ने सरकार को चेताया
हिन्दुस्तान लाइव टीम एजेंसी,नई दिल्लीFri, 06 Sep 2019 08:48 AM
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भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियों ने गुरुवार को केंद्र से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती की मांग की, ताकि वाहनों की बिक्री में आई कमी को रोका जा सके। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर इसमें किसी भी तरह की देरी होती है, तो लाखों लोगों की नौकरी पर खतरा मंडराने लगेगा।

सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने बताया कि लगातार घटती बिक्री के कारण वाहन उद्योग की स्थिति बेहद खराब हो गयी है। वाहन निर्माता कंपनियों ने तीन महीने में 50 हजार कर्मचारियों की छंटनी की है। वाहन डीलरों ने 2.8 लाख और कलपुर्जे बनाने वाली कंपनियों ने 10 लाख लोगों की छंटनी की है। इस प्रकार कुल मिलाकर 13 लाख से ज्यादा लोग नौकरी गंवा चुके हैं। वढेरा ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द कुछ नहीं किया गया तो, और लाखों लोगों की नौकरी जा सकती है।

उन्होंने सरकार से वाहनों पर लगने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती की मांग की। जीएसटी के तहत वाहनों को 28 प्रतिशत के उच्चतम स्लैब में रखा गया है। इसके अलावा कई श्रेणियों के वाहनों पर अधिभार भी लगाया गया है। वढ़ेरा ने कहा कि यदि स्थायी रूप से संभव न हो तो कम से कम कुछ समय के लिए ही करों की दरों में कमी की जानी चाहिये।

ऑटो सेक्टर में मंदी! पेट्रोल-डीजल गाड़ियों पर बैन को लेकर नितिन गडकरी ने कही अहम बात

वहीं दूसरी ओर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्वीकार किया कि मौजूदा आँकड़ों से यह स्पष्ट है कि वाहन उद्योग इस समय समस्याओं के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने उद्योग को सरकार की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिलाया। गडकरी ने बताया कि उन्होंने सियाम को सलाह दी है कि बैंकों द्वारा वाहन ऋण की उपलब्धता कम होने की स्थिति को देखते हुये वाहन कंपनियाँ अपना एनबीएफसी बनाकर वाहन ऋण दे सकती हैं। इससे उन्हें बिक्री बढ़ाने में मदद मिलेगी। सरकार अपनी तरफ से वाहन तथा दूसरे ऋणों की उपलब्धता बढ़ाने के प्रयास कर रही है। उद्योग भी इसमें सहयोग कर सकते हैं।

सम्मेलन को संबोधित करते हुये गडकरी ने कहा कि सरकार पूरी तरह वाहन उद्योग के साथ है। बिक्री बढ़ाने के लिए उद्योग की जो भी सलाह हो वह सरकार को दे। सरकार उन पर विचार करेगी। गडकरी ने कहा कि कारोबार में उतार-चढ़ाव, नफा-नुकसान का दौर आता रहता है। इससे निराश होने की जरूरत नहीं है। वाहन उद्योग की सफलता की कहानी बहुत अच्छी रही है और आत्म विश्वास के बल पर वह इस उतार के दौर से उबर सकता है। उन्होंने कहा कि निर्यात बढ़ाकर घरेलू बाजार में कम हुई बिक्री की भरपाई की जा सकती है। इसके लिए सरकार भी जरूरी प्रोत्साहन योजना बना सकती है।

गडकरी ने वाहन उद्योग को सरकार से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने संकट से जूझ रहे वाहन क्षेत्र को सरकार से हरसंभव मदद का बृहस्पतिवार को आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय वाणिज्यिक वाहनों की मांग पैदा करने के लिये अगले तीन महीने में पांच लाख करोड़ रुपये तक की 68 सड़क परियोजनाएं शुरू करेगा। गडकरी ने सिआम की वार्षिक संगोष्ठी में यहां कहा, ''यह आपकी (उद्योग जगत की) मांग है कि पेट्रोल एवं डीजल वाहनों पर कर कम होना चाहिये। आपके सुझाव अच्छे हैं। मैं आपका संदेश वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तक पहुंचा दूंगा।"

उन्होंने कहा कि यदि यह (जीएसटी) कुछ समय के लिये भी कम किया गया तो इससे मदद मिलेगी। मंत्री ने कहा, ''मैं यह बात वित्त मंत्री के समक्ष रखूंगा। बिक्री बढ़ाने के लिये वाहन क्षेत्र को मदद की जरूरत है।" गडकरी ने कहा कि जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया गया, वित्त मंत्री को हाइब्रिड वाहनों पर भी यह लाभ देने का सुझाव दिया जाएगा।

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