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Aurangabad train accident: रेल मंत्रालय ने कहा- मजदूरों को ट्रैक से हटाने के लिए मालगाड़ी चला रहे लोको पायलट ने हॉर्न बजाया

महाराष्ट्र में एक मालगाड़ी की चपेट में आने से कम से कम 16 प्रवासी मजदूरों की शुक्रवार की सुबह मौत हो गई। औरंगाबाद के दर्दनाक रेल हादसे पर रेल मंत्रालय ने कहा है कि मालगाड़ी चला रहे लोको...

Aurangabad train accident: रेल मंत्रालय ने कहा- मजदूरों को ट्रैक से हटाने के लिए मालगाड़ी चला रहे लोको पायलट ने हॉर्न बजाया
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली।Fri, 08 May 2020 05:08 PM
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महाराष्ट्र में एक मालगाड़ी की चपेट में आने से कम से कम 16 प्रवासी मजदूरों की शुक्रवार की सुबह मौत हो गई। औरंगाबाद के दर्दनाक रेल हादसे पर रेल मंत्रालय ने कहा है कि मालगाड़ी चला रहे लोको पायलट हॉर्न बजाकर मजदूरों को ट्रैक से हटाने की कोशिश की। लोगों के देखने के बाद उसने गाड़ी रोकने की भी कोशिश की। 

मंत्रालय ने कहा कि जैसे ही उसने रेल की पटरियों पर लोगों के समूह को देखा तो मालगाड़ी के लोको पायलट ने हॉर्न बजाया। ट्रेन रोकने के सभी संभव प्रयास किए गए।

मंत्रालय का कहना है कि मालगाड़ियों की औसत गति जो कि सामान्य रूप से 24 किमी प्रति घंटा है, लॉकडाउन अवधि के दौरान दोगुनी से अधिक हो गई है। यात्री ट्रेनों के निलंबन ने रेल नेटवर्क को कम कर दिया है। इस पूरे मामले में कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी की निगरानी में उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। रेल मंत्री पीयूष गोयल पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं।

जीवित बचे श्रमिकों ने कहा- हमने आवाज दी, लेकिन तब तक देर हो गई थी
औरंगाबाद जिले में हुई ट्रेन दुर्घटना में बाल-बाल जीवित बचे श्रमिकों का कहना है कि उन्होंने पटरियों पर सो रहे अपने साथियों को तेजी से आती ट्रेन से बचने के लिए आवाज दी थी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। 

अधिकारियों ने बताया कि 20 मजदूरों का एक समूह महाराष्ट्र के जालना से पैदल मध्यप्रदेश में अपने गांव जा रहा था। ये सभी जालना की एक स्टील फैक्टरी में काम करते थे और कोविड-19 लॉकडाउन के कारण बेरोजगार होने के बाद लौट रहे थे।

पुलिस अधीक्षक मोक्षदा पाटिल ने बताया, 'लॉकडाउन के कारण फंसे हुए 20 श्रमिकों का एक समूह जालना से पैदल जा रहा था। थकान के कारण उन्होंने आराम करने की सोची और उनमें से ज्यादातर पटरियों पर लेट गए। उनमें से तीन पास स्थित खाली जगह में बैठ गए।' उन्होंने कहा कि कुछ देर बाद इन तीनों ने मालगाड़ी को आते देखा और तुरंत चिल्ला कर सभी को आगाह किया, लेकिन वे सुन नहीं सके।

पाटिल ने कहा, 'मैंने जीवित बचे लोगों से बातचीत की है। वे लोग जालना से पैदल चले थे और भुसावल जा रहे थे। भुसावल दुर्घटना वाली जगह औरंगाबाद के पास करमंड से करीब 30-40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।'

जो लोग सुरक्षित बचे हैं उनकी पहचान मांडला निवासी 20 वर्षीय इंदरलाल ध्रुवे, उमरिया निवासी 27 वर्षीय विरेंद्र सिंह गौर और शहडोल निवासी 27 वर्षीय शिवम सिंह गौर के रूप में हुई है। वहीं खजेरी निवासी सज्जन सिंह दुर्घटना में घायल हुआ है।

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