असम में लंबे इंतजार के बाद अब ट्रांजिट कैंप भेजे जा रहे विदेशी, 3 हजार कैदियों को रखने की है क्षमता
असम में लंबे इंतजार के बाद अब ट्रांजिट कैंप तैयार हो गए हैं। इनमें अवैध रूप से भारत में रहने वाले विदेशियों को रखा जाएगा। इसकी क्षमता 3 हजार तक है जिनमें 400महिलाओं को भी रखा जा सकता है।
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असम सरकार ने लंबे इंतजार के बाद संदिग्ध और घोषित विदेशियों को गोवालपारा जिले में नवनिर्मित विशेष हिरासत केंद्र (डिटेंशन सेंटर) में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हिरासत केंद्र को अब “ट्रांजिट कैंप” के रूप में बदल दिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
सरकार ने असम में मिले संदिग्ध और घोषित विदेशियों को रखने के लिए गोवालपारा जिले के मटिया में पहला विशेष केंद्र बनाया है। इसमें 400 महिलाओं सहित 3,000 कैदियों को रखने की क्षमता है। 'ट्रांजिट कैंप' के अधीक्षक (प्रभारी) शशि कुमार डेका ने बताया, '68 कैदियों के पहले जत्थे को शुक्रवार को गोवालपारा जिला जेल से 'ट्रांजिट कैंप' में ले जाया गया। इनमें 45 पुरुष, 21 महिलाएं, एक लड़की और एक लड़का शामिल हैं।'
इससे सुविधा से पहले, असम में छह ट्रांजिट कैंप थे, जिन्हें गोवालपारा, कोकराझार, जोरहाट, सिल्चर, डिब्रूगढ़ और तेजपुर में मौजूदा जेलों के भीतर ही बनाया गया था। डेका ने बताया, “इन सभी 68 कैदियों को गोवालपारा जेल 'ट्रांजिट कैंप' से स्थानांतरित किया गया। इन सभी को 'डी' (संदिग्ध) मतदाताओं के मामलों में विदेशी ट्रिब्यूनल (एफटी) द्वारा विदेशी घोषित किया गया था।'