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अस्सलाम वालेकुम: कैसे फोन पर मिले इस जवाब से बदला हंदवाड़ा एनकाउंटर का रुख और फिर ढेर हुआ लश्कर का टॉप कमांडर हैदर

कश्मीर के हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच 13 घंटे तक चले एनकाउंटर का रुख एक शब्द से बदल गया- अस्सलाम वालेकुम। कर्नल आशुतोष शर्मा के फोन पर किए गए कॉल का यह जवाब मिलने के बाद हंदवाड़ा के...

अस्सलाम वालेकुम: कैसे फोन पर मिले इस जवाब से बदला हंदवाड़ा एनकाउंटर का रुख और फिर ढेर हुआ लश्कर का टॉप कमांडर हैदर
शिशिर गुप्ता,नई दिल्लीMon, 04 May 2020 05:19 AM
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कश्मीर के हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच 13 घंटे तक चले एनकाउंटर का रुख एक शब्द से बदल गया- अस्सलाम वालेकुम। कर्नल आशुतोष शर्मा के फोन पर किए गए कॉल का यह जवाब मिलने के बाद हंदवाड़ा के छंजमुल्ला इलाके में स्थित घर को घेरे खड़े सैनिकों और पुलिस अधिकारियों को पता चला कि उनका बहुत बड़ा नुकसान हो गया है। इसके बाद तो उनकी बंदूकों से गोली निकलने का सिलसिला आतंकियों के धूल चाटने के बाद ही रुका।  
      
44 वर्षीय कर्नल आशुतोष शर्मा 21 राष्ट्रीय राइफल्स की बटालियन को कमांड कर रहे थे। वह कंपनी कमांडर मेजर अनुज सूद (30), नायक राजेश कुमार (29), लांस नायक दिनेश सिंह (24) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के सब इंस्पेक्टर सागीर पठान उर्फ काजी (41) के साथ शनिवार शाम 5:30 बजे के बाद उस घर में घुसे और अंदर फंसे परिवार को बाहर निकालने में सफल रहे, लेकिन खुद घिर गए। इसके बाद उनकी ओर से कोई संकेत नहीं मिल रहा था।

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जम्मू कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया, ''6 बजे से 10 बजे रात तक हमने उनसे और टीम के अन्य सदस्यों से संपर्क करने के सभी तरीकों के बारे में सोचा और आजमाया, लेकिन ऐसा नहीं कर पाए।''     

4 घंटे बाद रात करीब 10 बजे उत्तर मिला। कर्नल के फोन पर किए गए कॉल का जवाब देते हुए उधर से कहा गया,'अस्सलाम वालेकुम।' इसके बाद 4 घंटे से रुकी गोलीबारी दोबारा शुरू हो गई। रातभर दोनों ओर से फायरिंग होती रही। अब सुरक्षाबलों के सामने कोई वजह नहीं थी जो उन्हें रोकती। 

एनकाउंटर के शुरुआती घंटों में उनके हाथ बंधे हुए थे। उन्हें इंटेलिजेंस इनपुट मिला था कि घर में परिवार को बंधक बनाया गया है। सुरक्षाबलों को चिंता थी कि उस परिवार को नुकसान ना पहुंचाया जाए। इसलिए कर्नल शर्मा और उनकी टीम परिवार को बचाने अंदर गई। उस परिवार की सुरक्षा ही उनकी पहली चिंता थी। 

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सुबह होने के बाद गोलीबारी थमी। बाद में जब सुरक्षाकर्मी घर के अंदर घुसे तो दो आतंकवादियों के शव मिले। इनमें से एक की पहचान पाकिस्तानी आतंकवादी हैदर के रूप में हुई, जोकि कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर था। 

शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगुआई की। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ''हंदवाड़ा में शहीद हुए हमारे साहसी सैनिकों और सुरक्षाबलों को श्रद्धांजलि। उनकी वीरता और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा। उन्होंने सर्वोच्च समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा की और हमारे नागरिकों की रक्षा के लिए अथक काम किया। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना।'' रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।   

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