भीड़ को कहेंगे टाटा! रेलवे को लेकर सरकार का बड़ा प्लान, केंद्रीय मंत्री ने संसद में बताया
कोविड महामारी के कारण साल 2019 से 2024 के बीच यात्री यातायात में काफी भिन्नता थी। बहरहाल, भारतीय रेलवे अलग-अलग बनावट की विभिन्न नियमित समय-सारणी वाली रेलगाड़ियों को ऑपरेट कर रहा है।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को संसद में रेलवे यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी दी। उन्होंने कहा कि रेलवे के पास 10,000 नॉन-एसी सवारी डिब्बों के मैन्युफैक्चरिंग की योजना है। उन्होंने कहा कि मेल व एक्सप्रेस रेलगाड़ियों की संरचना संबंधी मौजूदा नीति के तहत 22 डिब्बों की रेलगाड़ी होती है। इसमें सामान्य और स्लीपर कैटेगरी के 12 गैर-वातानुकूलित डिब्बों और 8 वातानुकूलित डिब्बों का प्रावधान है। वैष्णव ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।
अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘कोविड महामारी के कारण 2019 से 2024 के बीच यात्री यातायात में काफी भिन्नता थी। बहरहाल, भारतीय रेल अलग-अलग बनावट के साथ विभिन्न प्रकार की नियमित समय-सारणी वाली रेलगाड़ियों को ऑपरेट करता है। इनमें उपनगरीय कम दूरी की पैसेंजर गाड़ियां, लंबी दूरी/मेल एक्सप्रेस/सुपरफास्ट गाड़ियां शामिल हैं।' उन्होंने कहा कि मौजूदा नीति के तहत मेल/एक्सप्रेस रेलगाड़ियों की संरचना के संबंध में 22 डिब्बों की गाड़ियां हैं। इनमें 12 सामान्य और स्लीपर श्रेणी के गैर-वातानुकूलित रेलडिब्बों और 8 एसी वाली बोगियों का प्रावधान है। इससे सामान्य और नॉन-एसी स्लीपर कोच के यात्रियों को अधिक स्थान मिलता है।
ट्रेन में दो-तिहाई नॉन-एसी बोगियां
केंद्रीय रेल मंत्री ने कहा कि इस समय रेलगाड़ी सेवाओं के परिचालन के लिए उपयोग किए जा रहे कुल सवारी डिब्बों में से दो-तिहाई नॉन-एसी और एक-तिहाई वातानुकूलित हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल ने अमृत भारत रेलगाड़ी सेवाओं का परिचालन भी शुरू कर दिया है जो यात्रियों को उच्च गुणवता वाली सेवाएं प्रदान करने वाली पूर्ण रूप से गैर-वातानुकूलित रेलगाड़ियां हैं। उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई मांग को ध्यान में रखते हए भारतीय रेल ने जरूरी कदम उठाए हैं। सामान्य और शयनयान श्रेणी के सवारी डिब्बों सहित 10,000 गैर-वातानुकूलित सवारी डिब्बों के विनिर्माण की योजना है।
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