Article 370: पिछले 10 दिनों में मिशन मोड में हुआ काम, कई स्तरों पर हुई तैयारी
Article 370: अमित शाह (Amit Shah) ने एक जून को गृहमंत्री (Home Minister) का कार्यभार संभाला तो मिशन कश्मीर उनके एजेंडा में सबसे ऊपर था। उन्होंने कार्यभार संभालते ही सबसे पहले गृहमंत्रालय के अफसरों से...
Article 370: अमित शाह (Amit Shah) ने एक जून को गृहमंत्री (Home Minister) का कार्यभार संभाला तो मिशन कश्मीर उनके एजेंडा में सबसे ऊपर था। उन्होंने कार्यभार संभालते ही सबसे पहले गृहमंत्रालय के अफसरों से कश्मीर मामले पर प्रेजेंटेशन मांगा। ठीक तीन दिन बाद चार जून को उन्होंने गृहसचिव राजीव गौबा, कश्मीर मामला देख रहे अतिरिक्त सचिव ज्ञानेश कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कश्मीर पर फिर से बैठक की। छह जून को दोबारा उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और गृहसचिव के साथ कश्मीर की समीक्षा बेठक में उन्होंने अपना एजेंडा बताया। खुद शाह ने कश्मीर से जुड़े एक-एक पहलू को बहुत विस्तार व बारीकी से अध्ययन किया। सूत्रों ने कहा कि पिछले दस दिनों में शाह का कश्मीर एजेंडा मिशन मोड में आ गया। जब 27 जुलाई को खबर आई कि जम्मू कश्मीर में दस हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती कर दी गई है तो इसके बाद घाटी सहित दिल्ली के सियासी गलियारे में तरह तरह की चर्चा शुरू हो गई। इसके पहले रेलवे सुरक्षा से जुड़े एक अफसर का पत्र लीक हुआ जिसमें कई ऐहतियाती उपायों के बारे में निर्देश दिए गए थे।
धारा 370: पर्दे के पीछे अमित शाह के साथ काम कर रहे थे ये तीन मंत्री
एक अगस्त को 28 हजार और जवानों को तैनात करने की घोषणा सामने आई। दसे अगस्त को अमरनाथ यात्रा रोकने का आदेश जारी हो गया। सभी यात्रियों व पर्यटकों को कश्मीर छोड़कर वापस जाने को कहा गया। तीन अगस्त को छह हजार से ज्यादा पर्यटकों को घाटी से बाहर भेज दिया गया। चार अगस्त को कश्मीर के सभी बड़े नेताओं को नजरबंद कर दिया गया। पांच अगस्त को सुबह कैबिनेट की बैठक हुई और शाम होते होते धारा 370 की विदाई का एक चरण पूरा हो गया।
कई स्तरों पर की गई तैयारी
26 जून को शाह श्रीनगर पहुंचे। इसके पहले डोभाल भी अपने गोपनीय मिशन पर 24 जुलाई को श्रीनगर पहुंचे थे। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी कश्मीर से सटे सीमावर्ती इलाकों में हालात का जायजा लेने गए।
गृहमंत्री बनते ही मिशन कश्मीर में जुट गए थे अमित शाह
संकेत दे दिया था
जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ही गृहमंत्री अमित शाह ने पीडीपी सांसद को जवाब देते हुए लोकसभा में स्पष्ट कर दिया था कि धारा 370 अस्थायी है। इसके बाद उन्होंने कई बार अनौपचारिक तरीके से भी अपना एजेंडा स्पष्ट किया।