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Article 370: 12 दिन बाद J&K के 5 जिलों में 2G इंटरनेट सेवा शुरू, घाटी के 17 एक्सचेंज में लैंड लाइन सेवाएं बहाल

जम्मू-कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंध को चरणबद्ध तरीके से हटाना शुरू कर दिया है। शनिवार से कई इलाकों में 2जी इंटरनेट सेवा शुरू कर दी गई है। वहीं एक अधिकारी ने बताया कि कश्मीर घाटी के 17 एक्सचेंज में...

नई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तान टीम Sat, 17 Aug 2019 11:22 AM
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Article 370: 12 दिन बाद J&K के 5 जिलों में 2G इंटरनेट सेवा शुरू, घाटी के 17 एक्सचेंज में लैंड लाइन सेवाएं बहाल

जम्मू-कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंध को चरणबद्ध तरीके से हटाना शुरू कर दिया है। शनिवार से कई इलाकों में 2जी इंटरनेट सेवा शुरू कर दी गई है। वहीं एक अधिकारी ने बताया कि कश्मीर घाटी के 17 एक्सचेंज में लैंडलाइन सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। आपको बता दें कि केन्द्र सरकार के जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधान हटाने के बाद पांच अगस्त से ही यहां मोबाइल फोन और लैंडलाइन सेवाओं सहित टेलीफोन सेवाएं स्थगित कर दी गई थीं

अधिकारियों ने बताया कि 100 से अधिक टेलीफोन एक्सचेंज में से 17 को बहाल कर दिया गया। ये एक्सचेंज अधिकतर सिविल लाइन्स क्षेत्र, छावनी क्षेत्र, श्रीनगर जिले के हवाई अड्डे के पास है। मध्य कश्मीर में बडगाम, सोनमर्ग और मनिगम में लैंडलाइन सेवाएं बहाल की गई हैं। उत्तर कश्मीर में गुरेज, तंगमार्ग, उरी केरन करनाह और तंगधार इलाकों में सेवाएं बहाल हुई हैं। वहीं दक्षिण कश्मीर में काजीगुंड और पहलगाम इलाकों में सेवाएं बहाल की गई हैं।

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू, रियासी जिले, सांबा, कठुआ और उधमपुर में टूजी इंटरनेट सेवा शुरू कर दी है। राज्य के मुख्य सचिव बी.वी.आर.सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को यह घोषणा की थी कि सप्ताहांत के बाद कश्मीर घाटी के सभी स्कूलों फिर से खुलेंगे, जबकि सरकारी कायार्लयों में शुक्रवार से कामकाज हो गया। अधिकारी ने कहा था कि दूरसंचार लिंक धीरे-धीरे बहाल होंगे। उन्होंने कहा कि सीमा पार से आने वाले आक्रामक बयानों के मद्देनजर 14 व 15 अगस्त को कुछ प्रतिबंध जरूरी थे।

कश्मीर में 12 दिन से जारी लॉकडाउन में नहीं गई किसी व्यक्ति की जान

जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बी.वी.आर. सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को कहा कि बीते 12 दिनों से लॉकडाउन के दौरान कश्मीर घाटी में किसी व्यक्ति की जान नहीं गई है। उन्होंने घोषणा की कि प्रतिबंध हटाए जाएंगे और अगले कुछ दिनों में हालात में सुधार होने के साथ 'जीवन पूरी तरह से सामान्य हो जाएगा।' विदेशी मीडिया रिपोर्ट का जवाब देते हुए सुब्रमण्यम ने कहा कि प्रतिबंधों में ढील देने के लिए धीरे-धीरे कदम उठाए जा रहे हैं, ऐसा बन रहे हालात के साथ-साथ लोगों से शांति के लिए मिल रहे सहयोग के मद्देनजर किया जा रहा है।

सुब्रमण्यम ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा निष्प्रभावी किए जाने के बाद घाटी में प्रदर्शनों के दौरान मौत व गंभीर रूप से घायल होने की बात का खंडन किया। पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ अंतरार्ष्ट्रीय राय तैयार करने के लिए विदेशी मीडिया रिपोर्ट का इस्तेमाल कर रहा है। मुख्य सचिव ने कहा कि शुक्रवार की नमाज के बाद वहां अलगे कुछ दिनों में प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी, यह क्रमबद्ध तरीके से किया जाएगा। 

सुब्रमण्यम ने घोषणा की कि सोमवार से 'क्षेत्रवार' स्कूल खुलेंगे, जिससे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान नहीं हो। उन्होंने कहा, “आवाजाही पर प्रतिबंंध क्षेत्र वार हटाए गए हैं, इन इलाकों में सार्वजनिक परिवहन शुरू होंगे।” उन्होंने घोषणा की कि सरकारी कायार्लय शुक्रवार से पूरी तरह से कामकाज करना शुरू कर दिया है।

मोबाइल कनेक्टिविटी बहाल करने पर उन्होंने कहा कि यह चरणबद्ध तरीके से धीरे-धीरे की जाएगी। ऐसा आतंकी संगठनों द्वारा मोबाइल कनेक्टिविटी का इस्तेमाल संगठित रूप से आतंकी कार्रवाई करने के लगातार खतरे को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। घाटी में मोबाइल कनेक्टिविटी 4 अगस्त से बंद है।

सुब्रमण्यम ने कहा कि 22 जिलों में से 12 में कामकाज सामान्य है। उन्होंने कहा, “ऐसे उपाय किए गए जिससे सुनिश्चित किया गया कि एक भी जान का नुकसान नहीं हो या कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं हो। यह इंतजाम शांति व व्यवस्था बनाए रखने के लिए किया गया। आतंकवादी संगठनों व कट्टरवादी समूहों के पुख्ता प्रयास के बावजूद हमने जनहानि को रोका। पाकिस्तान द्वारा हालात को अस्थिर करने का लगातार प्रयास किया गया।”

राजनेताओं की नजरबंदी की लगातार हो रही है समीक्षा

राजनेताओं की नजरबंदी पर अधिकारी ने कहा कि प्रिवेंटिव डिटेंशन की लगातार समीक्षा की जा रही है और कानून व व्यवस्था के आकलन के आधार पर उचित निर्णय लिया जाएगा। इन राजनेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती व अन्य शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर के लोगों का सहयोग है, जिससे शांति व सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखने में खासा मदद मिली। सुब्रमण्यम ने कहा कि प्रशासन का फोकस जल्द से जल्द सामान्य हालात बहाल करने पर है, जबकि यह भी सुनिश्चित करना है कि आतंकवादी ताकतों को कोई अवसर नहीं दिया जाए।