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अनुच्छेद-35 ए पर मचा है हंगामा, सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद-35 ए की वैधता को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर आज सुनवाई करेगा। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के पंजीयक के समक्ष आवेदन दायर कर सूचित किया है कि वह राज्य में आगामी पंचायत और...

अनुच्छेद-35 ए पर मचा है हंगामा, सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीMon, 06 Aug 2018 12:22 AM
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सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद-35 ए की वैधता को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर आज सुनवाई करेगा। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के पंजीयक के समक्ष आवेदन दायर कर सूचित किया है कि वह राज्य में आगामी पंचायत और नगर निकाय चुनावों के लिए चल रही तैयारियों के मद्देनजर सुनवाई पर स्थगन की मांग करने जा रही है। नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, माकपा और कांग्रेस की राज्य इकाई सहित राजनीतिक दल और अलगाववादी अनुच्छेद 35-ए पर यथास्थिति बनाए रखने की मांग कर रहे हैं। इस अनुच्छेद के चलते जम्मू कश्मीर से बाहर के लोग राज्य में कोई भी अचल संपत्ति नहीं खरीद सकते।

विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने अनुच्छेद 35-ए को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने के खिलाफ दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है। अधिकारियों ने बताया कि अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू में डेरा डाले तीर्थयात्रियों को रविवार सुबह भगवती नगर आधार शिविर से आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई। अधिकारियों ने बताया कि संबंधित अनुच्छेद के समर्थन में लोगों के समूहों ने गूल, संगलदान और बनिहाल सहित कई स्थानों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए। पर्वतीय जिलों के कई क्षेत्रों में सड़कों से स्थानीय सार्वजनिक परिवहन नदारद रहा।  

अलगाववादियों के आह्वान के कारण पूर्ण बंद

अलगाववादियों के पूर्ण बंद के आह्वान के कारण रविवार को कश्मीर में जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। हड़ताल के कारण पूरी घाटी में दुकान और व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं जबकि सड़कों पर कोई वाहन नहीं चल रहा है।

घाटी में ट्रेन सेवा निलंबित

अलगाववादियों के बंद के आह्वान को देखते हुए कश्मीर घाटी में रविवार और सोमवार के लिए ट्रेन सेवा को निलंबित रखा गया है। अधिकारी ने बताया कि घाटी में कानून और व्यवस्था की समस्या को लेकर आशंकाएं हैं जिसके कारण पांच और छह अगस्त दो दिनों के लिए ट्रेन सेवा बंद कर दी गई है।

अनुच्छेद 35-ए संबंधी याचिका पर संविधान पीठ से सुनवाई का अनुरोध

अनुच्छेद 35-ए को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले आरएसएस से जुड़े एक एनजीओ ने रविवार को कहा कि वह अनुरोध करेगा कि उसकी याचिका पर संविधान पीठ द्वारा सुनवाई हो। अनुच्छेद 35-ए के तहत जम्मू कश्मीर के निवासियों को विशेष अधिकार है।
सिविल सोसायटी ‘वी द सिटिजंस’ की जम्मू कश्मीर शाखा के संयोजक चेतन शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, सुनवाई को फिर से टालने की जरूरत नहीं है।

हम सोमवार को अपने वकील के जरिये सुप्रीम कोर्ट से कहेंगे कि अनुच्छेद 35-ए पर हमारी याचिका पर संविधान पीठ द्वारा फैसला किया जाए। वर्ष 1954 राष्ट्रपति आदेश के जरिये संविधान में जोड़ा गया अनुच्छेद 35-ए जम्मू कश्मीर के स्थायी निवासियों को विशेष अधिकार देता है और राज्य से बाहर के किसी व्यक्ति से शादी करने वाली महिला से संपत्ति का अधिकार छीनता है। यह अनुच्छेद राज्य के बाहर के किसी व्यक्ति को राज्य में अचल संपत्ति खरीदने से रोकता है। दिल्ली के एनजीओ ‘वी द सिटिजंस’ ने 2014 में शीर्ष अदालत में अनुच्छेद 35-ए को खत्म करने की मांग वाली याचिका दायर की थी। 

आईएएस टॉपर फैसल ने अनुच्छेद-35ए पर विवादित बयान दिया

आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने एक बार भी विवादित बयान दिया है।  2010 बैच के यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के टॉपर फैसल ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 35 ए को रद्द करने से देश के बाकी हिस्से से जम्मू कश्मीर का संबंध खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद चर्चा के लिए कुछ भी नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का विलय भारत के संविधान के लागू होने से पहले हुआ।

  आईएएस अधिकारी ने हालांकि कहा कि जम्मू कश्मीर के संबंध में विशेष संवैधानिक प्रावधान से देश की संप्रभुता और अखंडता को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि संविधान में जम्मू कश्मीर राज्य के लिए कुछ विशेष प्रावधान रखे गए हैं। यह अनोखी व्यवस्था है। यह भारत की अखंडता के लिए कोई खतरा नहीं है। फैसल फिलहाल मिड करियर स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका में हैं। इससे पहले दुष्कर्म पर ट्वीट को लेकर फैसल के खिलाफ पहले ही केंद्र के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अनुरोध पर जम्मू कश्मीर सरकार ने अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर दी है।

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