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कश्मीर के लोगों के लिए हिंसा नुकसानदेह है: सेना प्रमुख बिपिन रावत

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए जाने के करीब एक महीने बाद सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सरकार द्वारा उठाये गए इस कदम के टाइमिंग का समर्थन किया। साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों और...

कश्मीर के लोगों के लिए हिंसा नुकसानदेह है: सेना प्रमुख बिपिन रावत
हरिन्दर बावेजा, हिटी,नई दिल्लीThu, 05 Sep 2019 08:42 AM
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जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए जाने के करीब एक महीने बाद सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सरकार द्वारा उठाये गए इस कदम के टाइमिंग का समर्थन किया। साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों और मिलिटेंट्स से शांति का मौका देने का आह्वान किया। सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि कश्मीर के लोगों के लिए हिंसा घातक (हानिकारक) है। 

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जनरल बिपिन रावत ने हिन्दुस्तान टाइम्स के साथ इंटरव्यू में कहा कि 'हिंसा का एक और चरण शुरू होने वाला था और मगर आर्टिकल 370 हटाने की टाइमिंग सही थी क्योंकि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स द्वारा ब्लैक लिस्ट में रखे जाने के बाद पाकिस्तान भी दबाव में था। मैंने सरकार से कहा था कि सेना इस निर्णय को लागू करने के लिए आवश्यक सैन्य सहायता प्रदान करेगी।'

बता दें कि आतंकी वित्तीय पोषण और धन शोधन मामलों पर नजर रखनेवाले एफएटीएफ के एशिया प्रशांत समूह ने पाकिस्तान को वैश्विक मानकों पर खरा उतरने में विफल रहने के चलते उसे विस्तृत काली सूची में डाल दिया है।  FATF की एशिया प्रशांत इकाई ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेआईएम) जैसे आतंकी संगठनों को धन मुहैया कराने और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने में असमर्थ रहने पर पाकिस्‍तान को ब्‍लैक लिस्‍ट में डाला है। एफएटीएफ की एशिया प्रशांत इकाई के ब्‍लैक लिस्‍ट में डाले जाने के बाद अब पाकिस्‍तान के एफएटीएफ के ग्रे लिस्‍ट से निकलने की संभावना और कम हो गई है। एफएटीएफ ने कड़ाई से पाकिस्तान से अक्टूबर 2019 तक अपने एक्शन प्लान को पूरा करने को कहा था। 

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हिन्दुस्तान टाइम्स के साथ साक्षात्कार में सेना प्रमुख बिपिन रावत ने स्पष्ट तौर पर कहा कि कश्मीर के लोगों और अलगाववादियों को शांति का मौका देना चाहिए। उन्होंने कहा कि 30 वर्षों से हिंसा हो रही है और आप कठिन समय से गुजर रहे हैं। गुस्से को छोड़ दें और शांति का मौका दें।

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उन्होंने कहा कि वह आतंकवादियों को शांतिपूर्ण गेस्चर का प्रस्ताव दे रहे थे। हम आतंकवादियों के पीछे नहीं जा रहे हैं। क्योंकि हम नहीं चाहते कि गनफाइट हो, जिससे घाटी का माहौल खराब हो। हम घेराबंदी करना और सर्च ऑपरेशन करना नहीं चाहते। मगर हमें भी ताली दोनों हाथों से बजानी होगी। उन्होंने आतंकियों से कहा कि इसके बारे में सोचो और अपनी बंदूकें रख दो। इस पीढ़ी ने शांति नहीं देखी। 

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