PM मोदी को सेना दे रही है लद्दाख में LAC पर जारी चीन की हरकतों की पल-पल की जानकारी
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने 4 मई को अपने सैनिकों को अपने क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भेजना शुरू कर दिया था। इसके अगले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री...
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने 4 मई को अपने सैनिकों को अपने क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भेजना शुरू कर दिया था। इसके अगले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर चर्चा की। प्रधानमंत्री को चीन की हर गतिविधि की जानकारी दी गई।
इस दौरान पीएम को गालवान नाला के पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के नजदीक बढ़ी चीन की गतिविधि के बारे में बताया गया। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, सेना 14 कॉर्प्स हेडक्वार्टर से पहले ही दिन से लगातार चीनी सैनिकों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुई है।
सूत्रों ने उन सुझावों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि तैयारियों में कमी है, जिसके कारण चीन ने लद्दाख में एलएसी के पास निर्माण करने की अनुमति दी है। सूत्रों का कहना है कि अगर सैनिकों को तैयार और तैनात नहीं किया गया होता, तो चीनी दूसरे क्षेत्रों में जाने में सक्षम होते।
Army briefed PM Modi, cabinet members on LAC situation a day after Chinese buildup started near Ladakh
— ANI Digital (@ani_digital) June 9, 2020
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दोनों देशों के सैनिक पैट्रोलिंग पॉइंट 14 (गालवान घाटी), पीपी 15 (114 ब्रिगेड क्षेत्र) और पीपी 17 (हॉट स्प्रिंग्स) पर अपने-अपने स्थानों से पीछए हटे हैं। ऐसा छह जून को दोनों देश के बीच हुई लेफ्टिनेंट जनरल स्तरीय वार्ता के बाद हुआ है। दोनों देशों के मेजर जनरल-रैंक के अधिकारियों की बैठक 10 जून को भी आयोजित होने की उम्मीद है।
भारत और चीन की सेनाएं पीछे हटीं
पूर्वी लद्दाख में गलवान समेत तीन जगहों से भारत और चीन की सेनाएं पीछे हट गई हैं। चीन की पीपुल्स लिबेरशन आर्मी ने गलवान इलाका, पेट्रोलिंग प्वॉइंट 15 और हॉट स्प्रिंग इलाके से अपनी सेना और वाहनों को ढाई किलोमीटर पीछे लेकर चले गए हैं। भारत ने भी अपने कुछ सैनिकों की वापसी की है। सरकार के शीर्ष सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने मंगलवार (9 जून) को यह जानकारी दी है।
हालिया सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच कई राउंड की कूटनीतिक और सैन्य स्तर की बातचीत हो चुकी है। जिसके बाद दोनों देश तनाव कम करने और शांतिपूर्ण तरीके से विवाद के समाधान के लिए सहमत हुए हैं। इसके साथ ही दोनों देशों ने आगे बातचीत जारी रखने को भी कहा है।
दोनों सेनाओं के बीच उस समय गतिरोध शुरू हुआ जब भारत द्वारा गलवान घाटी में दारबुक-शयोक-दौलत बेग ओल्डी के साथ-साथ पेगोंग झील के आसपास फिंगर इलाके में महत्वपूर्ण सड़क का निर्माण शुरू किया गया और चीन ने इसका विरोध किया।