CAA पर केरल सरकार के बीच टकराव पर बोले राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान- वह मूकदर्शक नहीं बने रहेंगे
संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को लेकर केरल सरकार के साथ टकराव पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि यह निजी लड़ाई नहीं है। संविधान और देश का कानून महत्वपूर्ण है। वह मूकदर्शक नहीं बने...
संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को लेकर केरल सरकार के साथ टकराव पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि यह निजी लड़ाई नहीं है। संविधान और देश का कानून महत्वपूर्ण है। वह मूकदर्शक नहीं बने रहेंगे। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का यह बयान तब आया है जब राजभवन ने केरल में सीएए के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने के लिए माकपा नीत लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार से रिपोर्ट मांगी है
राज भवन कार्यालय ने राज्य के मुख्य सचिव से यह रिपोर्ट मांगी है। राज भवन के एक शीर्ष सूत्र ने रविवार को पीटीआई-भाषा से कहा है कि राज्यपाल कार्यालय ने सीएए के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख करने के सरकार के कदम के बारे में उन्हें सूचित नहीं करने को लेकर मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है। राज्यपाल और सरकार में उस वक्त से टकराव चल रहा है जब राज्य विधानसभा ने नये कानून को निरस्त करने के लिए पिछले महीने एक प्रस्ताव पारित किया था।
खान ने सीएए के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने के फैसले की सूचना उन्हें नहीं दिए जाने को लेकर भी सरकार से अप्रसन्नता जताई थी। बता दें कि इससे पहले केरल सरकार की ओर से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ राष्ट्रीय अखबारों के प्रथम पृष्ठ पर सरकारी पैसे से दिए गए विज्ञापन के विरोध में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने इसे पूरी तरह से गैरजरूरी करार दिया है।
प्रकाशित किए गए विज्ञापन में दावा किया गया था कि 'राज्य संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करने की कोशिशों का नेतृत्व कर रहा है और केरल विधानसभा सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाली पहली विधानसभा है। खान ने दिल्ली में टेलीविजन चैनलों से कहा कि सार्वजनिक धन का प्रयोग राजनीतिक अभियान पर खर्च करना पूरी तरह गैरजरूरी है।
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