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सत्ता संग्राम: राजस्थान से दोगुनी सत्ता विरोधी लहर मध्य प्रदेश में

कांग्रेस के डाटा एनालिसिस विभाग के प्रमुख का कहना है कि इस बार मध्य प्रदेश में राजस्थान की तुलना में दोगुनी तेज सत्ता विरोधी लहर चल रही है। कांग्रेस पार्टी ने इसी साल फरवरी में अपने नए बनाए डाटा...

सत्ता संग्राम: राजस्थान से दोगुनी सत्ता विरोधी लहर मध्य प्रदेश में
नई दिल्ली। रोशन किशोर Mon, 05 Nov 2018 09:10 PM
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कांग्रेस के डाटा एनालिसिस विभाग के प्रमुख का कहना है कि इस बार मध्य प्रदेश में राजस्थान की तुलना में दोगुनी तेज सत्ता विरोधी लहर चल रही है। कांग्रेस पार्टी ने इसी साल फरवरी में अपने नए बनाए डाटा एनालिसिस विभाग का चेयरमैन प्रवीण चक्रवर्ती को नियुक्ति किया था। चक्रवर्ती एक खास बातचीत में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी भूमिका के बारे में बताते हैं। उनके विभाग का आंतरिक सर्वे बताता है कि एमपी में भाजपा सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर राजस्थान की तुलना में दोगुनी है। 

चक्रवर्ती बताते हैं कि हमने चुनावी राज्यों में अपने स्तर पर कराए सर्वे में पाया है कि राजस्थान में सत्ता विरोधी लहर उच्च स्तर पर है। पर इससे भी बड़ी बात है कि मध्य प्रदेश की वैसी जनता वर्तमान सरकार को दुबारा नहीं देखना चाहती, उनकी संख्या राजस्थान की तुलना में दोगुनी है। खास तौर पर मध्य प्रदेश के युवाओं में गुस्सा ज्यादा है। राज्य का ओबीसी समूह सरकार से नाराज चल रहा है। 

चक्रवर्ती कहते हैं कि हमारे विभाग की भूमिका इस मायने में है कि पार्टी बूथ स्तर पर मजबूत बनाया जाए। राजस्थान और मध्य प्रदेश में क्रमश: 200 और 230 विधानसभा सीटें हैं। अगर बूथ की बात करें तो इन राज्यों में 50,000 और 60,000 बूथ हैं।

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हमने बूथ स्तर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का डाटा बनाने के लिए प्रोजेक्ट शक्ति लांच किया है। इसके साथ ही पार्टी के प्रति आस्था रखने वाले मतदाताओं की भी सूची उनके वोटर कार्ड नंबर के साथ बनाई गई है। ये सारी कवायद कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के निर्देशों के अनुरूप रखा गया है। 
चक्रवर्ती कहते हैं कि हम कार्यकर्ताओं को पार्टी के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। प्रोजेक्ट शक्ति के तहत अच्छा काम करने वाले कार्यकर्ताओं को ब्लॉक लेवल कमेटी में जगह दी जाएगी। इसके साथ ही टॉप के तीन कार्यकर्ताओं को पार्टी अध्यक्ष सम्मानित करेंगे। 

चक्रवर्ती के मुताबिक मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी किन दलों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करे इसको लेकर भी हमने सर्वे करके जनता की राय जानी थी। सर्वे का मानना था कि इससे दोनों दलों को ज्यादा लाभ हो सकता था। 

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