Hindi Newsदेश न्यूज़Amid tensions with China central government gave principle approval to construct tunnel under Brahmaputra river

चीन के साथ तनाव के बीच केंद्र सरकार ने दी ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे 'ड्रैगन' से लंबी टनल बनाने की सैद्धांतिक मंजूरी

भारत-चीन तनाव के बीच केंद्र सरकार ने ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे 14 किलोमीटर टनल बनाने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। खास बात यह है कि देश की पहली नदी के नीचे बनने वाली सड़क परिवहन टनल पूर्वी चीन के...

Himanshu Jha अरविंद सिंह, हिन्दुस्तान ब्यूरो, नई दिल्ली।Tue, 14 July 2020 08:13 AM
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चीन के साथ तनाव के बीच केंद्र सरकार ने दी ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे 'ड्रैगन' से लंबी टनल बनाने की सैद्धांतिक मंजूरी

भारत-चीन तनाव के बीच केंद्र सरकार ने ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे 14 किलोमीटर टनल बनाने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। खास बात यह है कि देश की पहली नदी के नीचे बनने वाली सड़क परिवहन टनल पूर्वी चीन के ताइहू झील के नीचे बन रही सड़क परिवहन टनल से अधिक लंबी है।

अत्याधुनिक तकनीक से बनने वाली टनल असम-अरुणाचल प्रदेश से सालभर कनेक्टिविटी मुहैया कराने के चलते सामरिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। आने और जाने के लिए पृथक दो ट्यूब वाली इस टनल में सैन्य वाहन, रसद-हथियार पहुंचाने वाले वाहन 80 किलोमीटर की रफ्तार पर फर्राटा भर सकेंगे।

सरकार असम के गोहपुर (एनएच-54) से नुमालीगढ़ (एनएच-37) को जोड़ने के लिए ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे चार लेन सड़क परिवहन टनल बनाने की योजना पर तेजी से काम कर रही है। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रम राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचएआईडीसीएल) ने अमेरिका की पेशवर कंपनी लुइस बर्जर कंपनी द्वारा तैयार प्री-फिजिबिलटी रिपोर्ट व डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को 18 मार्च को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है।

उपक्रम के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि एलाइनमेंट सहित तमाम प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और दिसंबर में टनल निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।तीन पैकेज में बनने वाली यह सड़क परिवहन टनल कुल 14.85 किलोमीटर लंबी होगी। यह देश की पहल टनल होगी जोकि नदी के नीचे बनाई जा रही है।

उन्होंने बताया कि पूर्वी चीन के ताइहू झील के नीचे निर्माणाधीन सड़क परिवहन टनल की लंबाई 10.79 किलोमीटर है। ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे बनने वाली टनल में आने और जाने के लिए पृथक दो ट्यूब (कैप्सूल) होंगे। बीच में यह दोनो ट्यूब आपस में जुड़ें होंगे। टनल के भीतर पानी नहीं घुसने के कई सुरक्षा चक्र होंगे।

टनल में ताजी हवा के लिए वेटिलेशन सिस्टम, फायर फाइटिंग, रेलिंग युक्त फुटपाथ, डे्रनेज सिस्टम, मार्ग प्रकाश, इमरजेंसी निकास आदि होंगे। टनल में पहली बार कै्रश बैरियर लगाए जाएंगे। जिससे 80-100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार दौड़ने वाले वाहनों के दुर्घटना होने पर वाहन पलटने के बजाए क्रैश बैरियर से टकरा कर सड़क पर आ जाएंगे।

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