किसान आंदोलन के बीच पीएम मोदी पहुंचे रकाबगंज गुरुद्वारा जाकर टेका माथा, ना था पुलिस बंदोबस्त और ना ही की गई बैरिकेडिंग
कृषि कानूनों को लेकर पंजाब के किसानों के दिल्ली सीमा पर डटे रहने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अचानक दिल्ली के रकाबगंज साहिब गुरुद्वारे पहुंचे और माथा टेका। पीएम मोदी ने अपने...
कृषि कानूनों को लेकर पंजाब के किसानों के दिल्ली सीमा पर डटे रहने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अचानक दिल्ली के रकाबगंज साहिब गुरुद्वारे पहुंचे और माथा टेका। पीएम मोदी ने अपने सर्वोच्च बलिदान के लिए यहां सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर को श्रद्धांजलि दी। खबरों के मुताबिक, प्रधानमंत्री का यह दौरा अचानक हुआ। यह कार्यक्रम पहले से तय नहीं था। ऐसे में किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री मोदी का रकाबगंज गुरुद्वारे का दौरा अहम माना जा रहा है।
जिस समय प्रधानमंत्री गुरुद्वारा गए उस समय सड़कों पर किसी तरह का पुलिस बंदोबस्त नहीं किया गया था और आम लोगों की सुविधा को देखते हुए ना ही बैरिकेड लगाए गए थे । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इस दौरे की कुछ तस्वीरें खुद ट्वीट की हैं और गुरुमुखी भाषा में संदेश दिया है।
ਖ਼ੁਦ ਨੂੰ ਸੁਭਾਗਾ ਮੰਣਦਾ ਹਾਂ ਜੋ ਮੈਨੂੰ ਗੁਰੂ ਜੀ ਦੇ ਚਰਨਾਂ ‘ਚ ਆਨੰਦਮਈ ਸਮਾਂ ਬਿਤਾਉਣ ਦਾ ਮੌਕਾ ਮਿਲਿਆ
🙏🏻
ਮੇਰੇ ਲਈ ਮਾਣ ਵਾਲੀ ਗੱਲ ਹੈ ਜਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦਾ 550 ਸਾਲਾਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਪੁਰਬ ਮਨਾਇਆ; ਉਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੁਣ ਗੁਰੂ ਤੇਗ ਬਹਾਦਰ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੇ 400 ਸਾਲਾਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਪੁਰਬ ਦੇ ਸਮਾਗਮਾਂ ਦੀ ਸੇਵਾ ਵੀ ਮੇਰੇ ਹਿੱਸੇ ਆਈ ਹੈ pic.twitter.com/yxyiwGHWVe
— Narendra Modi (@narendramodi) December 20, 2020
ਤਿਲਕ ਜੰਵੂ ਰਾਖਾ ਪ੍ਰਭ ਤਾ ਕਾ ॥
ਕੀਨੋ ਬਡੋ ਕਲੂ ਮਹਿ ਸਾਕਾ ॥
ਧਰਮ ਹੇਤਿ ਸਾਕਾ ਜਿਨਿ ਕੀਆ ॥
ਸੀਸੁ ਦੀਆ ਪਰ ਸਿਰਰੁ ਨ ਦੀਆ ॥
🙏🏻
ਅਜਿਹੇ ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਤੇਗ ਬਹਾਦਰ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੇ ਚਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਗੁ. ਸ੍ਰੀ ਰਕਾਬ ਗੰਜ ਸਾਹਿਬ ਵਿਖੇ ਨਤਮਸਤਕ ਹੋਇਆ
ਗੁਰੂ ਜੀ ਨੇ ਹਿੰਦੂ ਧਰਮ ਦੀ ਰਾਖੀ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਆਪਣਾ ਆਪ ਵਾਰ ਕੇ ਸਰਬ-ਸਾਂਝੀਵਾਲਤਾ ਦਾ ਸੁਨੇਹਾ ਦਿੱਤਾ pic.twitter.com/zhHH1dscUw
— Narendra Modi (@narendramodi) December 20, 2020
Some more glimpses from Gurudwara Rakab Ganj Sahib. pic.twitter.com/ihCbx57RXD
— Narendra Modi (@narendramodi) December 20, 2020
किसान आज मना रहे 'श्रद्धांजलि दिवस'
दिल्ली बॉर्डरों पर कृषि कानूनों के विरोध में पआदर्शन कर रहे किसान भी 20 दिसंबर यानी आज श्रद्धांजलि दिवस का आयोजन कर रहे हैं, नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन में जान गंवाने वालों की याद में देशभर के किसान 'श्रद्धांजलि दिवस' के रूप में मनाएंगे। इस दौरान प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया जाएगा।