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ग्लोबल वार्मिग और लाॅकडाउन से सुपर साइक्लोन बना अम्फान

जलवायु परिवर्तन के कारण उत्तर हिन्द महासागर की सीमा वाले देशों को प्रभावित करने वाले तूफानों की ताकत में इजाफा हो रहा है। इससे भारत, बांग्लादेश समेत कई देश प्रभावित हो रहे हैं। पयार्वरण थिंक टैंक...

ग्लोबल वार्मिग और लाॅकडाउन से सुपर साइक्लोन बना अम्फान
विशेष संवाददाता,नई दिल्लीThu, 21 May 2020 08:55 AM
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जलवायु परिवर्तन के कारण उत्तर हिन्द महासागर की सीमा वाले देशों को प्रभावित करने वाले तूफानों की ताकत में इजाफा हो रहा है। इससे भारत, बांग्लादेश समेत कई देश प्रभावित हो रहे हैं। पयार्वरण थिंक टैंक क्लाईमेट ट्रेंड ने अपने अध्ययन में यह दावा किया है। अध्ययन कहता है कि मौजूदा तूफान अम्फान इसी के चलते सुपर साइक्लोन में परिवर्तित हो गया।

क्लाईमेट ट्रेंड के शोध के अनुसार समुद्र के सतह और धरती के ज्यादा गर्म होने के कारण चक्रवाती तूफानों की ताकत में इजाफा हो रहा है। यदि समुद्र की सतह का तापमान ज्यादा है तो इसका सीधा असर यह होता है कि चक्रवाती हवा की गति बढ़ जाती है। हवा की गति जितनी तेज होगी तूफान का प्रभाव उतनी दूर तक होगा और वह ज्यादा क्षति पहुंचा सकता है। भारती उष्ण कटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक डा. राक्सी मैथ्यू कौल ने कहा कि हमारे शोध में पता चलता है कि बंगाल की खाड़ी तेजी से गर्म हो रही है। जो एक कमजोर तूफान को शक्तिशाली बना रही है। बंगाल की खाड़ी में मई के पहले दो सप्ताह के दौरान कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 32-34 डिग्री के बीच रहा जो अब तक का सर्वाधिक तापमान है। यह तापमान एक चक्रवार तो ताकत देकर सुपर चक्रवात बना देता है।

आईआईटी भुवनेश्वर के पृथ्वी, महासागर और जलावयु विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. वी. विनोज ने कहा कि देश में हर साल मानसून पूर्व चक्रवातों की संख्या बढ़ रही है जिसकी वजह महासागरों की सतह का लगातार गर्म होते जाना है। उन्होंने कहा कि इस तूफान को सुपर साइक्लोन बनाने में लाकडाउन की भी एक तरह से भूमिका है। लाकडाउन के कारण समुद्र के ऊपर छायी एयरोसोल की परत छंट गई है लेकिन यह परत सूर्य की रोशन की बाधित करती है जिससे समुद्र की सतह अपेक्षाकृत कम गर्म होती है। लेकिन इस बार ज्यादा गर्म हुई है।

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