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राहुल गांधी की सांसदी जाने से कैसे विपक्ष को मौका, अखिलेश यादव से ममता बनर्जी तक की नजर?

विपक्षी नेताओं ने भले ही राहुल गांधी का बुलंद स्वर में सपोर्ट किया हो लेकिन अब जब उनकी जगह विपक्ष के एक मात्र नेता के चेहरे के तौर पर खाली हो गई है, तो उनकी मंशा खाली हुए स्पेस को भरने की होगी।

राहुल गांधी की सांसदी जाने से कैसे विपक्ष को मौका, अखिलेश यादव से ममता बनर्जी तक की नजर?
Himanshu Tiwariलाइव हिंदुस्तान,नई दिल्लीFri, 24 Mar 2023 11:17 PM
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सूरत की कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मानहानि केस में दोषी पाया था। इस फैसले के बाद से राहुल गांधी की सांसदी चली गई है। अब अगले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के चुनाव लड़ने को लेकर संशय बना हुआ है। इस बात से विपक्ष में हलचल मची है। विपक्ष एक सुर में इसे राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी की साजिश करार दे रहा है। हालांकि, आने वाले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी चुनाव में हिस्सा लेंगे या नहीं ये ऊपर की अदालत में दायर याचिकाओं पर उनके फैसले से ही साफ हो पाएगा। मगर मौजूदा वक्त में राहुल गांधी की सांसदी जाने के बाद सियासी वैक्यूम क्रिएट हो गया है। विपक्षी नेताओं ने भले ही राहुल गांधी का बुलंद स्वर में सपोर्ट किया हो लेकिन अब जब उनकी जगह विपक्ष के एक मात्र नेता के चेहरे के तौर पर खाली हो गई है, तो आने वाले चुनाव में कई विपक्षी नेता खुद को उनकी जगह पर देख रहे होंगे। 

ममता का दांव
भले ही ममता बनर्जी आज राहुल गांधी के दुख में उनके साथ खड़ी हैं लेकिन बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, राहुल गांधी पर हमेशा हमलावर रही हैं। वह कई मौकों पर कह चुकी हैं कि कांग्रेस विपक्ष का नेतृत्व नहीं कर सकती है। ममता का यह भी मानना रहा है कि यदि राहुल गांधी प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाया जाता है तो यह बीजेपी की आसान जीत होगी। बीजेपी को किनारे कर ममता ने पिछले विधानसभा चुनाव में भारी जीत हासिल की थी। 42 लोकसभा सीटों वाले पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी आने वाले आम चुनाव में भारी जीत दर्ज करने का सपना देख रही हैं।

अखिलेश की भी नजर
उधर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी कांग्रेस से किनारा करते रहे हैं। गैर-कांग्रेसी विपक्ष का सपना देख रहे अखिलेश यादव ने हाल में कई ऐसे बयान दिए, जिससे लगने लगा कि वे जितनी दूरी बीजेपी से बनाकर रख रहे हैं, उतनी ही कांग्रेस से भी दूर रह रहे। लेकिन अब राहुल के मामले में उन्होंने सरकार को घेरा है। माना जा रहा है कि राहुल अब जब सांसद नहीं रहे तो यकीनन अखिलेश विपक्ष के नेता के तौर पर खुद को देखने की इच्छा रख रहे होंगे।

नीतीश का क्या है सपना?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर पीएम की कुर्सी पर तब से बताई जा रही है, जब से उन्होंने बीजेपी से अपना दामन छुड़ाकर आरजेडी से जोड़ लिया था। आने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्ष को एकजुट करने की जोर आजमाइश कर रहे नीतीश कुमार का भी दांव राहुल गांधी के खाली स्थान को भरने का हो सकता है।

जाहिर हुई केजरीवाल की मंशा
लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी की गैरमौजूदगी आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए भी एक मौका साबित कर सकती है। हालांकि, उनकी मंशा 18 मार्च को ही जाहिर हो गई थी जब उन्होंने कथित तौर पर गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को डिनर पर बुलाया था।

क्या प्रियंका लेंगी राहुल गांधी की जगह?
कांग्रेस की सियासत में भाई-बहनों की जोड़ी हमेशा से चर्चा में रही है। राहुल गांधी का साथ देने के लिए प्रियंका गांधी हमेशा उनके पीछे खड़ी रहीं। अब मौजूदा सियासी हालात में प्रियंका गांधी के ऊपर जिम्मेदारियां और बढ़ गई होंगी, ऐसे में कांग्रेस अपने इस ट्रंप कार्ड का इस्तेमाल आने वाले लोकसभा चुनाव में जरूर कर सकती है।

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