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Air Pollution: जानलेवा धुंध को लेकर वायरल हो रहीं ये 'प्रदूषण कविताएं'

हवा में हर तरफ जहर ही जहर है ...................................................... हवा में हर तरफ जहर ही जहर है जिसे देखो वो कैद है आज अपने घरों में, आखों में बदहवासी है सांसों में...

Alakha Ram Singh लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीSun, 3 Nov 2019 08:52 PM
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हवा में हर तरफ जहर ही जहर है
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हवा में हर तरफ जहर ही जहर है
जिसे देखो वो कैद है आज अपने घरों में,

आखों में बदहवासी है सांसों में कड़वाहट
और एक गुस्सा मगर कोई हल नहीं ,

एक दूसरे पर तोहमत का दौर है,
साथ मिलकर काम करने का रिवाज जो अब नहीं 

सब उसी जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर
मलाल है सारे शहर को मगर सवाल ही सवाल है

ये खुदा का कहर नहीं सभी जानते हैं
ये वक़्त पर न रोकी हुई साजिश है 

दुखद है मगर आज ये, आम आदमी क्या करे
वो एक दूसरे के आक्षेप खेल का बस एक मूकदर्शक है

कोई कहता है इंद्रदेव नाराज हैं, हास्यास्पद है
सत्य है ये राजनीतिज्ञों के आपसी वैमन्स्य का दुष्परिणाम है 

प्रदूषण की मार आज सब झेल रहे हैं
हल पर नहीं सवाल पर बहस कर रहे हैं 
                                #  माया

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धुआं धुआं सा है चारों तरफ फिज़ाओं में
मेरे खुदा! यह कहां कायनात आ पहुंची

                            # हाशिम रज़ा जलालपुरी

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