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CJI और अटार्नी में हुई नोकझोंक, मी लॉर्ड! 'डिस्मिस्ड' कहने से पहले सुन लें

सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं को बिना सुने खारिज करने पर अटार्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल और मुख्य न्यायाधीश में हल्की नोक-झोंक हो गई। अटार्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने कहा कि मुवक्किल हजारों किलोमीटर दूर...

CJI और अटार्नी में हुई नोकझोंक, मी लॉर्ड! 'डिस्मिस्ड' कहने से पहले सुन लें
नई दिल्ली, विशेष संवाददाताTue, 13 Nov 2018 08:59 AM
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सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं को बिना सुने खारिज करने पर अटार्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल और मुख्य न्यायाधीश में हल्की नोक-झोंक हो गई। अटार्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने कहा कि मुवक्किल हजारों किलोमीटर दूर से यात्रा करके आते हैं। वे पीछे खड़े होते हैं और देखते हैं कि जब उनका वकील खड़ा होता है तो आप कहते हैं, 'डिस्मिस्ड'। यह तरीका नहीं है, लार्डशिप को पूरा मामला सुनना चाहिए। कृपया अन्य अदालतों को देखिए। इस पर मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने कहा, 'ओके...आप जो कह रहे हैं हम उसे सही भावना में लेते हैं, कृपया बहस कीजिए।'

अटार्नी जनरल एंट्री टैक्स से जुड़े एक मामले में सरकार द्वारा दायर की गई विशेष अनुमति याचिका पर बहस के लिए आए थे। कोर्ट इसे खारिज करने वाला था। इससे जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में पहले से लंबित है। अटार्नी ने कहा कि यह सार्वजनिक धन का मामला है और कोर्ट को इसे पढ़ना चाहिए। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, 'यह मत मानिए की कोर्ट बिना पढ़े चीजों को खारिज करता है। हम फाइलों को पूरा पढ़ के ही आते हैं।'

अटार्नी जनरल ने कहा कि यदि कोर्ट इस मामले को पढ़ता तो खारिज करने की बात नहीं करता और मामले को सीधे स्वीकार कर लेता। लेकिन लार्डशिप मामले को सुनने के लिए तैयार नहीं हैं जबकि मामला बहुत महत्वपूर्ण है। यह सरकार के राजस्व से जुड़ा मामला है। इस मामले में आप नोटिस मत जारी कीजिए, लेकिन मामले को लंबित रखिए। इसके लिए मुख्य न्यायाधीश तैयार हो गए।

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