मुश्किल : दिल्ली में कांग्रेस के सामने नेतृत्व का संकट, अगले साल जनवरी में होना है विधानसभा चुनाव
दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित के निधन के बाद कांग्रेस के सामने नेतृत्व का संकट पैदा हो गया है। आगामी जनवरी में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है। दो...
दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित के निधन के बाद कांग्रेस के सामने नेतृत्व का संकट पैदा हो गया है। आगामी जनवरी में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है। दो विधानसभा और एक लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों से पहले दिल्ली में पार्टी की कमान शीला दीक्षित को दी थी।
अस्वस्थ शरीर के बाद भी शीला दीक्षित कांग्रेस को खड़ा करने में जुटी थीं। वर्ष 1998 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को सत्ता से हटाकर शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं तो फिर 15 वर्ष तक इस पद पर काबिज रहीं। विपक्षी दलों के साथ कई बार उन्हें कांग्रेस के अंदरूनी संघर्षों को झेलना पड़ा, लेकिन हर बार वे पहले से ज्यादा ताकतवर हुईं।
आम आदमी पार्टी से विधानसभा चुनाव हारने के बाद शीला दीक्षित दिल्ली की राजनीति से दूर हो गईं। उन्हें कांग्रेस ने 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी उतारा। 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले शीला दीक्षित को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। शीला दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के खिलाफ थीं। वे अपने दम पर कांग्रेस को दोबारा खड़ा करने के प्रयास में जुटी थीं।
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