Hindi Newsदेश न्यूज़After Prayagraj Violence Kashi Dharm Parishad Holds Meeting Said Saints can Come Out to Save Country - India Hindi News

मुस्लिम समाज के बाद अब सड़कों पर उतरने की तैयारी में संत, काशी धर्म परिषद की बैठक में फैसला

जुमे की नमाज के बाद देश के कई शहरों में हुए उपद्रव (prayagaraj violence) को देखते हुए काशी धर्म परिषद की शुक्रवार को बैठक हुई। बैठक में फैसला लिया गया है देश को बचाने के लिए संत भी सड़क पर उतरेंगे।

Atul Gupta लाइव हिंदुस्तान, लखनऊSat, 11 June 2022 12:41 PM
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उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य हिस्सों में जुम्मे की नमाज के बाद हुई हिंसा पर शुक्रवार को काशी धर्म परिषद ने बैठक कर घटना की निंदा करते हुए नाराजगी जतायी। उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार से मांग की है कि इस तरह की अराजकता करने वाले और उसके पीछे के साजिशकर्ताओं को चिह्नित कर उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।  सुदामा कुटी हरतीरथ में पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास की अध्यक्षता में हुई बैठक में काशी के मठों के पीठाधीश्वर, संत, महंत व सामाजिक कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में 16 प्रस्ताव पारित किए गये। 

बैठक में ये निर्णय लिया गया कि प्रस्ताव को सभी अखाड़ों, सभी पंथों के प्रमुखों के साथ सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने मांग की है कि कट्टरपंथियों के खिलाफ सरकार कड़ा कदम उठाए। पथराव व हिंसा के लिए जिम्मेदार व्यक्ति व संस्था पर लगाम लगाते हुए बंद करें। उनकी सम्पत्ति जब्त की जाए। बैठक में संतो ने कहा कि हिंसा के पीछे की साजिश का पर्दाफाश करना होगा। हिंदू देवी-देवताओं पर पर अपमान जनक टिप्पणी करने, फिल्मों में मजाक बनाने वालों को सरकार तत्काल जेल भेजने की भी मांग की कई है। बैठक में रांची में हनुमान मंदिर में तोड़-फोड़ और हमले की भी निंदा की गई।  

काशी धर्म परिषद की बैठक में मांग की गई है कि ज्ञानवापी पर सच बोलने वाले अफसर बाबा को स्थायी सुरक्षा दी जाये। अफसर बाबा के हमलावरों को गिरफ्तार कर रासुका लगे। काशी धर्म परिषद ने ऐलान किया है कि वो नुपुर शर्मा के साथ है और वो चाहते हैं कि उन्हें रेप की धमकी देने वालों पर रासुका लगे। काशी धर्म परिषद की बैठक में ये भी फैसला किया गया है कि इस मामले में  जल्द ही संत, महात्माओं व नागा साधुओं की संयुक्त बैठक कर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। देश को बचाने के लिए संत भी सड़क पर उतरेंगे। इसके अलावा संत समाज की शहर स्तर पर इकाई गठित की जाएगी, जिसमें सभी पंथों के लोग शामिल होंगे।

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