15 साल की उम्र में हुआ था एसिड अटैक, अस्पताल में मिला सच्चा प्यार
प्यार किसी की सूरत से नहीं होता, प्यार सीरत देखकर किया जाता है। यह बात सरोज साहू ने साबित कर दी है। प्रमोदिनी 15 साल की थी जब उनपर एसिड अटैक हुआ था। इस हादसे में प्रमोदिनी अपनी दोनों आंखें गंवा बैठीं...
प्यार किसी की सूरत से नहीं होता, प्यार सीरत देखकर किया जाता है। यह बात सरोज साहू ने साबित कर दी है। प्रमोदिनी 15 साल की थी जब उनपर एसिड अटैक हुआ था। इस हादसे में प्रमोदिनी अपनी दोनों आंखें गंवा बैठीं और उनका चेहरा गंभीर रूप से झुलस गया था।
दरअसल जब वह 15 साल की थी तब एक अर्द्ध सैनिक बल के सैनिक ने उन्हें शादी के लिए प्रपोज किया था। जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया। इस बात से नाराज होकर उस शख्स ने उनके चेहरे पर एसिड फेंक दिया था। प्रमोदिनी के चेहरे की सर्जरी करने के लिए डॉक्टरों ने उनके पैर के मांस का इस्तेमाल किया। एक बार तो आधे-अधूरे ट्रीटमेंट के बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया, जिसके चलते उनके पैर में इंफेक्शन हो गया।
पैर में भरे पस का इलाज कराने के लिए वो एक बार फिर अस्पताल पहुंच गई और इस दौरान उनकी मुलाकात सरोज कुमार साहू से हुई, सरोज अस्पताल की एक नर्स के दोस्त थे। डॉक्टरों ने प्रमोदिनी की मां को बताया कि उन्हें चलने में कम से कम चार साल लगेंगे। इस बात को सुनकर मां के सब्र का बांध टूट गया और वो फूट-फूट कर रोने लगी। उन्हें इस तरह रोता देखा सरोज ने उन्हें ढांढस बंधाया। शुरुआत में प्रमोदिनी और सरोज एक-दूसरे बात तक नहीं करते थे। सरोज रोज़-रोज़ अस्पताल जाते और प्रमोदिनी को दिलासा देते। फिर एक दिन सरोज ने अपनी नौकरी छोड़ दी और दिन के आठ घंटे वो अस्पताल में प्रमोदिनी की सेवा करते रहे और धीरे-धीरे दोनों में प्रेम हो गया। सरोज और प्रमोदिनी पिछले एक साल दिल्ली में साथ-साथ रह रहे हैं और जल्द से जल्द शादी करने की प्लानिंग कर रहे हैं।
