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आठवां फेरा : जीवनसाथी ने दी सपनों को उड़ान

लैंगिक समानता के मामले में भारत के आंकड़े बेशक संतोषजनक नहीं हैं। कदम-कदम पर महिलाओं को प्रताड़ना और बाधाओं का सामना करना पड़ता है। मगर इसी समाज की कुछ सुकून देने वाली तस्वीरें भी सामने आती हैं,जो नाजुक...

आठवां फेरा : जीवनसाथी ने दी सपनों को उड़ान
Alakha Ram Singh कार्यालय संवाददाता, नई दिल्लीSun, 13 Oct 2019 10:42 AM
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लैंगिक समानता के मामले में भारत के आंकड़े बेशक संतोषजनक नहीं हैं। कदम-कदम पर महिलाओं को प्रताड़ना और बाधाओं का सामना करना पड़ता है। मगर इसी समाज की कुछ सुकून देने वाली तस्वीरें भी सामने आती हैं,जो नाजुक वक्त में उम्मीदें बचाए रखती हैं।


यह अहसास कराती हैं कि एक दिन सबकुछठीक हो जाएगा। हर बच्ची को शिक्षा मिलेगी, हर औरत के अधिकार सुनिश्चित होंगे और सबको समानता मिलेगी। एक तरफ महिलाओं का बड़ा आंकड़ा घरेलू हिंसा का शिकार है, तो कुछमहिलाओं के सपनों में उनके जीवनसाथी रंग भर रहे हैं। पति और परिवार का साथपाकर वह सफलता की उड़ान भर पा रहीं है। आज ये महिलाएं तो समाज में सशक्तीकरण का उदाहरण बन ही रही हैं, मगर इन्हें सहयोग देने वाले इनके जीवनसाथी भी काबिले-तारीफ हैं। यह उदाहरण है कि अगर साझेदारी के साथ एक-दूसरे के सपनों और आकांक्षाओं को समझा जाए तो एक खूबसूरत कल का निर्माण सिर्फ सपना नहीं रहेगा। पति के सहयोग से आगे बढ़ीं ये दोनों महिलाएं आज अपने-अपने क्षेत्र में बेहतर कर रही हैं।


पति के सहयोग से कर रहीं समाज सेवा
धार्मिक नगरी वृंदावन में लक्ष्मी गौतम एक जाना-पहचाना नाम हैं। दर-दर भटकती हर महिला को न्याय दिलाने के लिए लक्ष्मी गौतम दिन-रात सेवा में जुटी रहती हैं। खासतौर से वृंदावन में आईं विधवा माताओं की सेवा में वह कोई कसर नहीं छोड़तीं। लक्ष्मी गौतम का कहना है कि वह ये सब कर पा रही हैं, क्योंकि पति और परिवार ने शुरू से ही सहयोग दिया। पेशे से लक्ष्मी गौतम खुद शिक्षिका हैं, लेकिन दूसरों की सेवा करने में उन्हें सुकून मिलता है। कनकधारा एनजीओ के तहत वह महिलाओं को समान अधिकार दिलाने को प्रयासरत हैं।


शादी के बाद भी जारी रहने दी पढ़ाई
पूजा तोमर की शुरू से फैशन डिजाइनिंग में रुचि थी। मगर कम उम्र में शादी हो गई। ससुराल पहुंचकर पति से सपना साझा किया। हालांकि खुद पूजा को यकीन नहीं था कि उनकी बात पर कोई गौर करेगा, लेकिन सास और पति दोनों ने इसे गंभीरता से लिया। बाकायदा अलीगढ़ (यूपी) के एक फैशन डिजाइनिंग संस्थान में उन्हें एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में दाखिला दिलाया। सपना पूरा करने का मौका मिला तो पूजा ने भी खुद को साबित किया और फैशन डिजाइनिंग में टॉप किया।उनकी योजना एक बुटीक खोलने की है। जीवनसाथी के साथ ने पूजा को नया आत्मविश्वास दिया है। 

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